Drishyamindia

हम शादी की तैयारी करते रह गए, वह चला गया:कांग्रेस के प्रदर्शन में जान गंवाने वाले युवक की मां बोली- पॉलिटिक्स छोड़ने वाला था

Advertisement

‘जिस पॉलिटिक्स के चक्कर में प्रभात की जान गई। वह उसको छोड़ना चाहता था। कहता था, मां अब नौकरी ही करूंगा। तेरे पास रहूंगा। बहू लाने के सपने देखते-देखते मैं कही की नहीं रही।’ रुंधे गले से सुबकते हुए यह बात प्रभात की मां ने कही। वह कभी चीखते हुए रो पड़ती है, कभी बेसुध-सी हो जाती हैं। कभी हाथ जमीन पर जोर से मारने लगती है। पूरे घर में गमगीन माहौल है। प्रभात के अंतिम संस्कार के बाद परिवार का दर्द बांटने दैनिक भास्कर की टीम उनके घर पहुंची। घर में कैसा माहौल है? परिवार में कौन-कौन है? इस हादसे से पहले परिवार क्या तैयारियां कर रहा था? सिलसिलेवार पढ़िए… लखनऊ में 18 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान प्रभात पांडेय की जान चली गई। हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई। प्रभात के परिवार से मिलने दैनिक भास्कर की टीम लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर सहजनवां कस्बे से 3KM दूर बोक्टा चौराहे पहुंची। यहां से जैतपुर को जोड़ने वाली सड़क पर करीब 2.5KM चलने पर दीपक पांडेय का घर आया। उनके घर पर लोगों की भीड़ लगी थी। बाहर महिलाएं बैठी थीं, एक-दूसरे को संभाल रही थीं। हमारी नजर उस घर पर गई, जो प्रभात का बताया जा रहा था। घर की दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं हुआ। अंदाजा लग रहा था कि प्रभात आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा मजबूत नहीं थे। घर पर प्रभात की मां बिलख रही थीं। कुछ महिलाएं उनको संभालने की कोशिश कर रही थीं। इस बीच, मां बेसुध होने लगती हैं, महिलाएं उनके मुंह पर पानी की छींटें मारती हैं। वह होश में आते ही कहती है- अब किसके सहारे जिंदा रहूंगी। वही तो मेरा सब कुछ करता। अब हमारे शरीर को आग कौन देगा…? खबर में पोल भी है। आगे बढ़ने से पहले इसमें हिस्सा लेकर राय दें- प्रभात के घर के पास ही तालाब है, जहां बैठे पिता दीपक पांडेय बहुत शांत थे। एकटक अपने घर के दरवाजे की तरफ देख रहे थे। चश्मे के अंदर से आंसू उनके गालों को भिगो रहे थे। यहां मौजूद गांव के प्रधान चंद्र भूषण पांडेय गांव के लोगों से कह रहे थे- प्रभात बहुत मिलनसार था। जिन्हें जानता भी नहीं था, उनकी परेशानी में भी दौड़ जाता था। इसीलिए कस्बे में सब लोग उसको बहुत मानते थे। पिता बोले- एक पल में हमारी दुनिया उजड़ गई
इसके बाद हम तालाब की तरफ पहुंचे, जहां पिता दीपक पांडेय बैठे थे। उनके आस-पास रिश्तेदार मौजूद थे, जो उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन, बेटे की चिता को मुखाग्नि देने का दर्द उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था। हमने उनसे पूछा- प्रभात की मौत के बारे में कैसे पता चला? वह जवाब देने से पहले रोने लगे। फिर खुद को संभालते हुए कहते हैं- मेरा इकलौता बेटा था। हमें छोड़कर चला गया। हम लोग बुधवार शाम को बहुत परेशान थे। 5 बजे से ही फोन कर रहे थे। वह फोन उठा ही नहीं रहा था। करीब 6 बजे उसका फोन किसी ने उठाया। सिर्फ इतना बताया कि वह बेहोश है। यह सुनते ही उसकी मां बेसुध हो गई। हमें कुछ समझ नहीं आया। मैंने अपने भाई को लखनऊ में फोन करके बताया। तब तक प्रभात की मौत की खबर आ गई। यही वो पल थे, जब लगा कि हमारी दुनिया उजड़ गई है। मेरे बेटे की मौत का कोई जिम्मेदार नहीं…
दीपक पेशे से LIC एजेंट हैं। प्रभात के अलावा उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी प्रज्ञा की शादी हो चुकी है। छोटी बेटी श्रेया हाईस्कूल की छात्रा है। हमने प्रभात के पॉलिटिकल बैकग्राउंड के बारे में पूछा। पिता ने कहा- वह राजनीति में सक्रिय था, लेकिन अब सब कुछ छोड़ना चाहता था। दिल्ली या लखनऊ में जॉब ढूंढ रहा था। समय पर जॉब लग जाती, तो शायद जान बच जाती। हमने पूछा- किसी को उसकी मौत का जिम्मेदार मानते हैं? पिता कहते हैं- नहीं…कोई जिम्मेदार नहीं। सिर्फ मेरे कर्म का ही दोष है। चाचा ने कहा- हॉस्पिटल ले जाने में देर हो गई
पास में ही दीपक के भाई मनीष पांडेय बैठे थे। वह लखनऊ में रहते हैं। मनीष ही प्रभात को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे थे। वह कहते हैं- क्या हुआ, इसकी सूचना देर से मिली। लेट जानकारी मिलने पर हॉस्पिटल पहुंचाने में भी देरी हुई। पहले पहुंचा पाते, तो शायद प्रभात बच जाता। मनीष कहते है- वह अब पॉलिटिक्स को छोड़ने की तैयारी कर रहा था। कंप्यूटर कोर्स कर रहा था, ट्रेनिंग पूरी हो चुकी थी। वह कहता था, चाचा मेरी नौकरी लगवा दो। पापा का सहारा बनना है। हम लोगों ने उसकी नौकरी के लिए 1-2 जगह बात भी कर ली थी। लेकिन, अब वही नहीं रहा। यह कहते हुए चाचा सुबकने लगते हैं। वह बताते हैं- प्रभात मेरे घर के पास में PG में रहता था। अक्सर घर आता था। खाने-पीने का काफी शौकीन था। उसे प्रदर्शन में किसने बुलाया, पता कर रहे
मनीष कहते हैं- मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है कि प्रभात पॉलिटिक्स छोड़ना चाहता था। कभी-कभार ही कांग्रेस दफ्तर जाता था। उसको प्रदर्शन में किसने बुला लिया, यह अभी तक पता नहीं चला है। उसका फोन मेरे पास है। यह जल्द सामने आ जाएगा। कौन थे प्रभात पांडेय?
प्रभात पांडेय यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान में किसी पद पर नहीं थे। वह लखनऊ के विभूति खंड स्थित एक अपार्टमेंट में किराए पर रहते थे और प्रॉपर्टी का काम करते थे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। अब ये जानिए कि लखनऊ में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुआ क्या था?
कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने बताया- लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर पर प्रदर्शन चल रहा था। प्रभात बैरिकेडिंग पर चढ़ कर दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी किसी पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का दे दिया। वह पीछे की ओर गिर गए। यह पूरा घटनाक्रम दिन में दो से ढाई बजे के बीच का है। वहां मौजूद प्रभात के कुछ साथी उन्हें लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। प्रभात ने वहां बताया कि पुलिस ने मारा है। मुझे चोट लगी है, आराम करने दो। बाकी साथी मामूली चोट समझकर वहां से चले गए। वह करीब 2 घंटे तक प्रभात वहीं पड़े रहे। किसी तरह इसकी जानकारी प्रभात के चाचा मनीष पांडेय को हुई। मनीष ने अपने कुछ पत्रकार दोस्तों को बताया। इनमें से एक संदीप अपनी स्कूटी से सबसे पहले शाम करीब 4 बजकर 25 मिनट पर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे।
संदीप ने इनोवा में प्रभात को लिटाया और खुद स्कूटी से रास्ता क्लियर कराते हुए, पुलिस से मिन्नतें करते सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। कांग्रेस दफ्तर से सिविल की दूरी 1.7 किलोमीटर है। आमतौर पर यह दूरी 5-7 मिनट में पूरी हो जाती है। लेकिन, ट्रैफिक जाम और डायवर्जन की वजह से इस दूरी को पूरा करने में 35 मिनट लग गए। संदीप प्रभात को लेकर जब अस्पताल पहुंचे, तब तक प्रभात की मौत हो चुकी थी। आखिर में प्रभात पांडेय के अंतिम संस्कार की 3 तस्वीरें ————————- ये भी पढ़ें : 2 घंटे कांग्रेस दफ्तर में लावारिस पड़े रहे प्रभात पांडेय, 2 KM का रास्ता तय करने में लगे 35 मिनट; राहुल-प्रियंका जा सकते हैं गोरखपुर कांग्रेस यूथ विंग के पूर्व सचिव प्रभात पांडेय 2 घंटे तक कांग्रेस के दफ्तर में बेहोश पड़े रहे। वहां न तो कांग्रेस का कोई नेता था और न ही कोई कार्यालय का कर्मचारी। जाम और बैरिकेडिंग की वजह से अस्पताल ले जाने में 35 मिनट लगे। यही देरी भारी पड़ी और प्रभात की जान चली गई। पढ़िए पूरी खबर…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े