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हाईकोर्ट पहुंचा यौन उत्पीड़न का आरोपी ACP मोहसिन:एफआईआर रद्द करने को दाखिल की याचिका, इरफान का केस लड़ने वाले अधिवक्ता इमरानउल्लाह लड़ेंगे केस

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कानपुर आईआईटी रिसर्च स्कॉलर के यौन उत्पीड़न केस में फंसे एसीपी मोहसिन खान ने अब हाईकोर्ट की शरण ली है। सपा के पूर्व चर्चित एमएलए इरफान सोलंकी का केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता इमरानउल्लाह और विक्रम सिंह ने एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने मामले में 19 दिसंबर को सुनवाई की तारीख दी है। क्या अब छात्रा का पक्ष रखने के लिए सरकार या पुलिस की ओर से इरफान सोलंकी केस की तरह इसमें भी कोई बड़ा अधिवक्ता छात्रा की पैरवी के लिए खड़ा किया जाएगा। इस तरह के कई सवाल हैं, जिनके जवाब किसी भी पुलिस अफसर के पास नहीं हैं। हाईकोर्ट से राहत को एसीपी मोहसिन ने हायर किया दिग्गज वकील कानपुर कलक्टरगंज एसीपी मोहसिन खान पर आईआईटी कानपुर की रिसर्च स्कॉलर ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कल्याणपुर थाने में 12 दिसंबर 2024 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद तत्काल प्रभाव से एसीपी मोहसिन खान का ट्रांसफर पुलिस हेड क्वार्टर अटैच कर दिया गया था। एसीपी कानपुर से रिलीव तो हो गए, लेकिन पुलिस हेडक्वार्टर में ज्वाइन नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो बीमारी का हवाला देकर छुट्‌टी पर चले गए हैं। मामले की जांच डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा की निगरानी में एसआईटी कर रही है। अरेस्टिंग नहीं होने का फायदा उठाकर एसीपी ने हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग की है। एसीपी मोहसिन खान का केस जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी का केस लड़ने वाले अधिवक्ता पूर्व एडवोकेट जनरल रहे इरफानउल्लाह और विक्रम सिंह लड़ेंगे। 16 दिसंबर को एफआईआर रद्द करने की यह याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका को लिस्ट करते हुए 19 दिसंबर को सुनवाई की तारीख दी है। अब देखना है कि इरफान सोलंकी के केस की तरह इसमें भी पीड़िता आईआईटी रिसर्च स्कॉलर को इंसाफ दिलाने के लिए इरफान केस की तरह इसमें भी कानपुर पुलिस या सरकार किसी बड़े वकील को खड़ा करेगी जो पीड़ित रिसर्च स्कॉलर को इंसाफ दिला सके। एसीपी का पक्ष इस तरह रख सकते हैं अधिवक्ता एसीपी मोहसिन खान पर आरोप है कि उन्होंने पत्नी को तलाक देकर रिसर्च स्कॉलर से शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया। सूत्रों की मानें तो एसीपी ने अपने अधिवक्ता से नवंबर 2023 को एक नोटिस पत्नी को तलाक देने का कोर्ट में दिखाकर यह साबित करने का प्रयास कर सकता है कि उन्होंने पीड़िता के साथ कोई छलावा नहीं किया है। उनका तलाक का केस प्रक्रियाधीन है। एक साल पहले उन्होंने पत्नी को तलाक लेने के लिए नोटिस सर्व कराया था। उन्होंने रिसर्च स्कॉलर से कोई झूठा वादा नहीं किया है। अब एसीपी का दावा कोर्ट में कितनी देर टिकता है यह तो समय ही बताएगा। अगर एफआईआर रद्द नहीं होगी तो इस तरह के तथ्यों को आधार बनाकर एसीपी मोहसिन खान कोर्ट से मामले में अरेस्टिंग स्टे भी हासिल करने का प्रयास कर सकता है। रिसर्च स्कॉलर के शादीशुदा होने का दावा सूत्रों की मानें तो एसीपी मोहसिन खान ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च स्कॉलर की पूर्व में शादी होने का भी दावा कर रहे हैं। उनका दावा है कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली रिसर्च स्कॉलर की वेस्ट बंगाल के पुरबा वर्धमान निवासी इंजीनियर के साथ शादी हो चुकी है। कोर्ट में मैरिज के लिए रजिस्ट्रेशन भी दाखिल किया था, लेकिन इससे पहले ही दोनों का ब्रेकअप हो गया और अलग-अलग हो गए थे। इससे संबंधित दस्तावेजी साक्ष्य भी उनके पास उपलब्ध हैं। एसीपी के पास मौजूद मैरिज रिजस्ट्रेशन के भरे हुए फॉर्म में दावा किया है कि यह हस्ताक्षर भी रिसर्च स्कॉलर के हैं। इसकी हैंडराइडिंग का मिलान कराया जा सकता है। इस दावे को भी कोर्ट में कितना साबित कर पाते हैं यह तो वक्त ही बताएगा। रिसर्च स्कॉलर के बयान का अवलोकन हुआ एसीपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा ने कोर्ट में भी अपने बयान पर एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ जमकर बरसी हैं। एसीपी के खिलाफ पूरी मजबूती के साथ बयान दर्ज कराया है। अपने बयान में एफआईआर में लगाए गए किसी भी तथ्य को खारिज नहीं किया है। एफआईआर और मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज होने के बाद भी एसीपी की अरेस्टिंग को लेकर पुलिस का कोई एक्शन नहीं लेना पुलिस की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है। मामले में बात करने पर एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि मामले की जांच एसआईटी कर रही है। तथ्यों के आधार पर मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। अरेस्टिंग को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया।

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