हाथरस में कल राहुल गांधी के गांव बूलगढी़ में आने के बाद आज खुफिया तंत्र बेहद अलर्ट नजर आया। खुफिया तंत्र इस गांव के अलावा पूरे इलाके की टोह लेता रहा। पीड़ित परिवार के घर पर आने जाने वालों पर पैनी नजर रखी गई। इधर, पीड़ित परिवार आज भी सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच रहा। पिछले 4 साल से यह परिवार सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा के बीच रह रहा है। यहां एक कंपनी सीआरपीएफ तैनात है। बूलगढ़ी कांड में मृत दलित युवती के भाई का कहना है कि सरकार ने 4 साल पहले किया वादा अभी तक नहीं निभाया। उस समय सरकार ने यह वादा किया था कि उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलेगी और आवास भी मिलेगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला। सरकार ने उस समय मुआवजे के रूप में जो धनराशि दी थी वह खर्च हो चुकी है। एक तरह से उनका पूरा परिवार कैद में रह रहा है। भाई का कहना था कि राहुल गांधी को उन्होंने यही सब बातें बताई थी और राहुल गांधी उन्हें आश्वासन देकर गए हैं कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा। उसका कहना था कि इस मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी लेकिन, तीन आरोपी न्यायालय से छूट गए। न गैंगरेप का केस बना और नहीं हत्या का। गांव में जमीन और घर छीनने की हो रही कोशिश
उसका कहना था कि आज उन पर सरकार द्वारा गांव में मकान और जमीन छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। 2 दिन पहले एसडीएम उनके घर की पैमाइश करने आए थे, लेकिन उन पर न ही कोई सरकारी आदेश था और न न्यायालय का आदेश था। इसलिए हमने अपने घर की पैमाइश नहीं कराई। मृतका के भाई का कहना था कि स्थानीय न्यायालय के फैसले के खिलाफ हमारी अपील हाईकोर्ट में चल रही है। सरकार इसमें आगे नहीं आई और स्थानीय न्यायालय के जजमेंट के खिलाफ हमें हाईकोर्ट में अपील में जाना पड़ा।