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हाथरस में शीतलहर से बढ़े हृदय और सांस रोगी:जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं, मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा

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शीतलहर ने हृदय और सांस रोगियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। मौसम के बदलाव के कारण ब्लड प्रेशर के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ गया है। हाथरस जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के गांव पुर खुर्द निवासी 70 वर्षीय माया देवी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजन उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की कमी मरीजों के सामने बड़ी समस्या यह है कि जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में रोजाना 150 से 200 मरीज हृदय और सांस से जुड़ी समस्याओं के आ रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, सरकारी एमडीटीबी अस्पताल में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकतर मरीज दिल में दर्द और सांस फूलने की शिकायत लेकर आ रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बोले- सावधानी बरतें जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सूर्य प्रकाश का कहना है कि सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है। फिलहाल फिजिशियन ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों ने हृदय और सांस रोगियों को सलाह दी है कि ठंड में खुद को गर्म रखें और बाहर जाने से बचें। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें।

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