मेरठ के छात्र प्रियांशु की अहमदाबाद में नृशंस हत्या कर दी गई। 10 नवंबर को हुई इस वारदात को अब 11 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं। गुरुवार 21 नवंबर को देर रात हॉस्टल प्रियांशु का सामान मेरठ पहुंचा। अहमदाबाद से माइका इंस्टीट्यूट ने छात्र के हॉस्टल रूम से उसका सामान मेरठ भेजा। कोरियर से जैसे ही प्रियांशु का सामान उसके घर पहुंचा तो सामान देखकर मां एक बार फिर बुरी तरह टूट गई। बेटे के सामान से लिपटकर रोने लगी। मेरा यशु कहां चला गया मां रीनू जैन बार-बार यही कहता मेरा यशु मुझे छोड़कर कहां चला गया। गुरुवार को माइका मैनेजमेंट की तरफ से प्रियांशु का सामान उसके घर भेज दिया गया। गुरुवार को प्रियांशु के घर वो कोरियर पहुंचा। कोरियर में प्रियांशु के हॉस्टल रूम से उसका सारा सामान आया। उसके कपड़े, किताबें, बैग और जरूरत की हर चीज जो प्रियांशु की अब आखिरी निशानी है वो हर चीज उसके घर कोरियर से आई। लेकिन अब तक घरवालों ने उस सामान को खोलकर नहीं देखा है। उनकी हिम्मत नहीं हो रही कि वो उन कार्टंस को खोलकर अपने बेटे की आखिरी बची निशानियां जो उसकी चंद चीजें हैं उनको देखकर अपना दिल हल्का कर लें। प्रियांशु के कमरे में ऊपर उसका सारा सामान ऐसे ही रख दिया गया है। किसी ने अब तक उस सामान को खोला नहीं। प्रियांशु के जीजा वर्तिक ने बताया कि अभी हम ये समझ ही नहीं पा रहे कि वो हमारे साथ अब नहीं है।