इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक घटना के संबंध में दो वकीलों को छोड़ शेष को राहत दे दी। प्रयागराज दीवानी अदालत में घटित 29 अप्रैल 2024 की घटना पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की रिपोर्ट पर कायम आपराधिक अवमानना मामले में मुख्य दो अधिवक्ताओं रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ के अलावा अन्य सभी अधिवक्ताओं को अवमानना कार्यवाही से बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा दस अधिवक्ताओं को नोटिस जारी की गई थी।किसी के खिलाफ घटना में शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं दिया गया।कुछ तो शादी समारोह या अन्य निजी काम में शहर से बाहर थे। दो संजीव सिंह व ऋतेश श्रीवास्तव हाईकोर्ट के अधिवक्ता है। सी सी टी वी फुटेज व पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट में दो अधिवक्ताओं रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ की ही पहचान की गई है। पुलिस केस में चार्जशीट दायर की गई है। कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। ऐसे में दो को छोड़कर अन्य को अवमानना कार्यवाही से अवमुक्त कर दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने आपराधिक अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए दिया है। शुरूआत में दो वकीलों रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ के खिलाफ अवमानना नोटिस दी गई थी।बाद में जिला जज की रिपोर्ट पर दस वकीलों को नोटिस जारी की गई। कुछ को ग़लत नोटिस चली गई थी। उन्होंने आपत्ति भी की। बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद मिश्र रज्जू के बयान पर यह कार्रवाई की गई थी। बाद में वे मुकर गये। कहा लोगों के बताने पर नाम लिया था। हलफनामा भी दाखिल किया। जिस पर दस अधिवक्ताओं के खिलाफ दस महीने से चल रही अवमानना कार्यवाही समाप्त कर दी गई है।