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3 साल से पुलिस काे चकमा दे रहा था सोनू:दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल थी 1 साल के इनामी के सामने फेल, मेरठ में रहकर दे रहा था दिल्ली में घटनाओं को अंजाम

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1 लाख का इनामी बदमाश सोनू मटका 3 साल से मेरठ के बागपत रोड के अपेक्स टावर में रह रहा था। यहीं से वह दिल्ली में बड़ी वारदातों को अंजाम देता था। दिवाली पर दिल्ली में डबल मर्डर की वारदात को अंजाम देने के बाद वह मेरठ में ही आ गया था। सोनू मटका कितना शातिर था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2 करोड़ की डकैती को अंजाम देने के बाद 1 लाख का इनाम होने पर भी दिल्ली पुलिस उसको ढूंढ नहीं पाई। शुक्रवार रात को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम को उसके मेरठ में होने की जानकारी मिली तो उन्होंने मेरठ एसटीएफ का सहारा लिया। इसके बाद ज्वाइंट ऑपरेशन में सोनू मटका एनकाउंटर में मारा गया। सोनू मटका मेरठ में रहकर बुकीज को 10 प्रतिशत ब्याज पर रुपये उधार देता था। इससे उसकी अच्छी कमाई हो रही थी। 1 लाख का इनामी बदमाश अनिल उर्फ सोनू मटका 2021 के बाद से मेरठ में रहा। मेरठ में उसने बहुत से दोस्त बना लिए थे। एसटीएफ की टीम उसके मेरठ दोस्तों के कनेक्शन को खंगाल रही है। मेरठ में तो उसने किसी वारदात को अंजाम नहीं दिया, इस बात की जानकारी जुटाई जा रही है। दो शादियां की हुई थी, पिता है हलवाई
सोनू मटका ने दो शादियां की हुईं थी। पहली पत्नी से 14 साल की बेटी है। दूसरी शादी उसने फरीदाबाद की कविता से की। कविता से तीन साल की बेटी है। सोनू के एनकाउंटर की सूचना पर उसके भाई, रिश्तेदार और पत्नी कविता मोर्चरी पहुंची। सोनू के पिता हलवाई का काम करते हैं। सोनू की पत्नी कविता और परिवार वालों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। पोस्टमार्टम में गोली नहीं मिली तो कराया गया एक्स-रे
सोनू मटका को एनकाउंटर में कई गोलियां लगी। शनिवार देर शाम उसका पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में गोली नहीं मिलने पर डॉक्टर ने उसकी बॉडी का एक्सरे कराया। कई घंटे इस प्रक्रिया में लग गए। इसके बाद रात में शव का पोस्टमार्टम किया गया। पाेस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर चले गए। इस दौरान मोर्चरी पर टीपीनगर थाना पुलिस, एसटीएफ मेरठ की टीम और दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम के पुलिसकर्मी मौजूद रहे। अब आप एनकाउंटर की पूरी कहानी जानिए मेरठ में यूपी STF ने एनकाउंटर में शनिवार सुबह दिल्ली के वांटेड गैंगस्टर अनिल उर्फ सोनू मटका को ढेर कर दिया। शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम भी साथ थी। एनकाउंटर में गोली लगने के बाद सोनू को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोनू मटका हाशिम बाबा गैंग का शॉर्प शूटर था। सोनू मटका 31 अक्टूबर यानी दिवाली की रात दिल्ली के शहादरा इलाके में कारोबारी परिवार के चाचा-भतीजे की हत्या में वांटेड था। दिल्ली पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। सोनू मटका पर 1 लाख का इनाम था। शुक्रवार रात उसकी लोकेशन मेरठ में मिली। फिर दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने यूपी एसटीएफ के साथ मिलकर ऑपरेशन प्लान किया। STF एसपी ने बताया कैसे हुआ एनकाउंटर STF मेरठ के SP बृजेश सिंह ने बताया- सोनू मटका दिल्ली का कुख्यात गैंगेस्टर था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को सूचना मिली थी कि सोनू मेरठ के टीपीनगर वेदव्यासपुरी में आने वाला है। दिल्ली पुलिस ने एसटीएफ को इसकी सूचना दी। दोनों की जॉइंट टीम सुबह 7 बजे वेदव्यासपुरी पहुंच गई।
सोनू मटका बाइक पर किसी का इंतजार कर रहा था। पुलिस को देखकर वह भागने लगा। पुलिस ने पीछा किया तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। 5 से 6 बार पुलिस टीम पर फायरिंग की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सोनू मटका को गोली लग गई। वह बाइक से गिर पड़ा।
STF उसे मेरठ जिला अस्पताल ले गई। वहां डॉक्टरों ने सोनू मटका को मृत घोषित कर दिया। एनकाउंटर के दौरान करीब 12-15 राउंड फायरिंग हुई। सोनू मटका के पास से एक पिस्टल 30 बोर, एक पिस्टल 32 बोर, 10 जिंदा कारतूस और बाइक बरामद हुई।
सोनू मटका मूलरुप से बागपत का रहने वाला था। हालांकि, वह कई साल से दिल्ली में क्राइम कर रहा था। उस पर करीब 12 हत्या और डकैती के मुकदमे दिल्ली और यूपी में दर्ज थे। सोनू मटका हाशिम बाबा और उमेश पंडित गैंग से जुड़ा हुआ था।
दिल्ली में दिवाली की रात किया था डबल मर्डर
दिल्ली के शहादरा इलाके में दिवाली की रात आकाश शर्मा (40) और उनके भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। फायरिंग में उनका 10 साल का बेटा भी घायल हुआ था। इस वारदात का CCTV फुटेज सामने आया था। इसमें नजर आ रहा है कि एक लड़का स्कूटी से शूटर के साथ आकाश के घर पहुंचा। उसने पहले आकाश का पैर छुआ फिर दिवाली की बधाई दी। इसके बाद लड़के के साथ आए शूटर ने आकाश पर ताबड़तोड़ 5 राउंड फायरिंग की। इसके बाद दोनों आरोपी स्कूटी से फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में लड़के को पकड़ लिया था, लेकिन शूटर सोनू मटका फरार चल रहा था। पुलिस का दावा है कि सोनू मटका ने सुपारी लेकर वारदात को अंजाम दिया था। डबल मर्डर के बाद से दिल्ली पुलिस सोनू की तलाश कर रही थी। 29 नवंबर को भी दिल्ली पुलिस सोनू की तलाश में मेरठ पहुंची थी। पता चला था कि वह अपेक्स सिटी में दीपक जाट के नाम से रह रहा था। लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले वह फरार हो गया था। पेरोल पर बाहर आया और भाग गया
2014 में सोनू दिल्ली के शकरपुर इलाके में हुई हत्या के मामले में जेल में बंद था। 2021 में पत्नी के ऑपरेशन के नाम पर वह पेरोल लेकर बाहर आया। जून 2021 में जेल में सरेंडर करना था, लेकिन वह फरार हो गया। शकरपुर में हुई हत्या में गाजियाबाद जिले के लोनी स्थित राजीव गार्डन का रहने वाला अजय उर्फ विजय भी आरोपी था। सोनू मटका ने 8वीं तक की पढ़ाई की। दिल्ली में रहकर कार मैकेनिक का काम करता था। बसपा के पूर्व विधायक पर हमले की फिराक में था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनू मटका और उसका दोस्त अजय साहिबाबाद के बसपा के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा पर हमले की फिराक में था। दोनों एक बार इस इरादे से गए भी थे, लेकिन वहां काफी लोगों को देख कर दोनों भाग गए। इनकी बाइक वहीं छूट गई थी, जो हाशिम बाबा गैंग के आमिर उर्फ सलीम टिल्लन के नाम पर रजिस्टर्ड थी। दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर को अजय को गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी से अरेस्ट कर लिया था। अजय से पूछताछ में इसका खुलासा हुआ। उससे ही पुलिस ने सोनू मटका के बारे में जानकारी जुटाई। 2014 में दर्ज हुआ हत्या का पहला मुकदमा
सोनू मटका बागपत छपरौली के शेरपुर लुहारा का रहने वाला था। काफी समय से वह दिल्ली की हरिजन बस्ती गोकुलपुरी में रहता था। उसके खिलाफ सबसे पहला मुकदमा 2014 में गाजियाबाद के लोनी में दर्ज किया गया। रमेश नाम के ज्वैलरी कारोबारी की हत्या और डकैती के इस मुकदमे में वह पहली बार जेल गया। इसके बाद 17 जून 2021 को जेल से बाहर आया। सोनू ने साथियों के साथ 26 मई 2022 को दिल्ली में लूट की वारदात को अंजाम दिया। इस वारदात में सोनू पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया। 7 अक्टूबर को उसने दिल्ली के करोल बाग इलाके में साथियों के साथ डकैती की वारदात की। डबल मर्डर के बाद उस पर इनाम की रकम बढ़ाकर 1 लाख कर दी गई।
परिवार में 4 भाई-बहन
सोनू के पिता का नाम श्यामपाल सिंह है। उसके तीन भाई बोबी, मोनू, ऋषि और एक बहन बबली है। सोनू के साथ गैंग में गाजियाबाद के लोनी का अजय, लोनी का सुभाष, बागपत का भूपेंद्र और दिल्ली का शाहनवाज उर्फ आबिद उर्फ मोटा शामिल थे। लॉरेंस का खास है हाशिम बाबा, सिद्धू मूसेवाला की रेकी के लिए भेजा था गैंगस्टर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 14 जुलाई को मरीज रियाजुद्दीन और जाफराबाद में 13 अगस्त को छोटा रिजवान और 12 सितंबर को नादिर शाह के कत्ल के बाद हाशिम बाबा सुर्खियों में आया। हाशिम बाबा आजकल दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है। दस पर तीन महीने पहले मकोका की कार्रवाई हो चुकी है। हाशिम जेल में रहकर ही अपना गैंग चलाता है स्पेशल सेल ने बाबा को 11 नवंबर 2020 को शाहदरा में एनकाउंटर के बाद पकड़ा था। हाशिम पर 5 लाख का इनाम था। जेल में रहते हुए भी उसके खिलाफ चार हत्या समेत 12 मुकदमे दर्ज हैं। जेल में बना लॉरेंस का खास कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जब तिहाड़ जेल में आया तो हाशिम बाबा भी उसी के साथ था। दोनों करीब आ गए। इसके बाद वे एक ही फोन का इस्तेमाल करते थे। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की रेकी के लिए बाबा ने गैंगस्टर शाहरुख को भेजा था। जब शाहरुख पर दो लाख का इनाम हुआ तो लॉरेंस के जरिए ही उसकी गिरफ्तारी बाबा से करवाई गई। दिल्ली में हाशिम बाबा लॉरेंस का सबसे करीबी बताया जाता है।

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