झांसी में मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने बीएसए दफ्तर में तैनात बाबू रमाशंकर सोनकिया को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वह सस्पेंड प्रधानाध्यापिका को बहाल करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। परिजनों ने भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते में शिकायत की तो ट्रैप का जाल बिछाया गया। उसने शिक्षिका के पति को अपने घर के पास बुलाया और 50 हजार रुपए ले लिए। तभी टीम ने उसे गिरफ्तार कर रुपए बरामद किए हैं। गिरफ्तार करके टीम उसे लेकर सदर बाजार थाने पहुंची। लिखा पढ़ी के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया। डेढ़ लाख रुपए मांग रहा था बाबू भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता निरीक्षक ठाकुरदास ने बताया कि प्रेमगंज निवासी राकेश पाठक ने शिकायत दी थी। इसमें बताया था कि उनकी पत्नी जागृति पाठक चिरगांव के पच्चरगढ़ स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में इंचार्ज प्रधानाध्यापिका थीं। 3 अगस्त को ग्राम प्रधान समेत अन्य लोगों ने शिकायत कर दी। इस पर बीएसए ने 16 अगस्त को उनको सस्पेंड कर मोंठ स्थित विद्यालय से संबंद्ध कर दिया था। 9 दिसंबर को जागृति ने बीएसए कार्यालय पहुंचकर अपने साक्ष्य एवं अभिलेख जमा किए। इसके बाद वहां तैनात बाबू रमाशंकर सोनकिया ने उनसे निलंबन खत्म कराने की बात कही। इसके एवज में डेढ़ लाख रुपए मांगे। इसमें 50 हजार रुपए एडवांस और एक लाख रुपए बहाल होने पर देने थे। शिकायत पर बिछाया गया जाल जागृति ने अपने पति राकेश को बताया तो उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते में शिकायत कर दी। इस पर निरीक्षक ठाकुरदास की अगुवाई में टीम गठित की गई। शिकायत वेरिफाई की गई। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज गेट नंबर तीन के पास राकेश पैसा लेकर पहुंच गए। वहां जैसे ही उन्होंने रमाशंकर को 50 हजार रुपए से भरा लिफाफा थमाया, तभी एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। हाथ धुलवाने पर उसके हाथ से लाल रंग छूटा। यहां उसे रंगे हाथ पकड़ लिया गया। सदर बाजार थाना प्रभारी महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक लिखा-पढ़ी करके आरोपी को जेल भेज दिया। इससे पहले जून महीने में ही बीएसए का स्टेनो को भी वेतन बहाली के लिए घूस लेते हुए गिरफ्तार किया जा चुका।