1000 करोड़ रुपए की बेसकीमती जमीन के घोटाले में फंसे हिस्ट्रीशीटर हरेंद्र मसीह के खिलाफ 800 पेज की चार्जशीट काेर्ट में दाखिल हो गई। इसमें पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर को ही घोटाले का मास्टरमाइंड माना और उसका पूरा काला चिट्टा उजागर करते हुए कई सबूत जुटाए हैं। सीजेएम कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में हरेंद्र को जमीन पर कब्जा करने समेत धोखाधड़ी के प्रयास में आरोपी बनाया गया है। 29 अक्टूबर को हुआ था अरेस्ट झोकनबाग निवासी हरेंद्र मसीह समेत 7 लोगों के खिलाफ 12 अगस्त को नवाबाद थाने में जमीन हड़पने, धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में केस दर्ज हुआ था। करीब दो महीने तक हिस्ट्रीशीटर हरेंद्र मसीह पुलिस को चकमा देता रहा। फरार होने पर पुलिस ने उस पर 1.25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया। 29 अक्टूबर को पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था। गिरफ्तारी के बाद चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुलिस के पास 90 दिन का समय था। मगर विवेचक कोतवाली थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह ने तेजी से जांच करते हुए करीब दो माह में ही चार्जशीट दाखिल कर दी। इससे उसकी जमानत की मुश्किलें बढ़ गईं। अब पुलिस इस मामले में पूरक चार्जशीट भी दाखिल करेगी। फर्जी तरीके से पदाधिकारी बना
चार्जशीट में पुलिस ने हरेंद्र की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी सबूतों को ही उसके खिलाफ सुबूत बनाया है। अमेरिकन संस्था इंटरनेशनल सर्विस फैलोशिप फॉर यूएसए की जिस समिति का वह सचिव बना, उसके लिए डाॅक्टरी डिग्री आवश्यक थी। मगर उसके पास ऐसी कोई डिग्री नहीं थी। फर्जीवाड़ा करके अपने साथ पत्नी को भी उसने सोसाइटी का सदस्य बना लिया। जमीन की लिखा पढ़ी, लीज के कागजात, पावर ऑफ अटार्नी में भी हेरफेर की गई। पुलिस ने 2018 से 2024 के बीच करीब छह बैंक खातों में उसके लेनदेन का ब्योरा निकाला है। झांसी समेत कानपुर, प्रयागराज में भी उसकी कई बेनामी संपत्ति का पता चला है। रंगदारी मांगने के मामले में भी चार्जशीट
हरेंद्र के खिलाफ नवाबाद पुलिस ने रंगदारी मांगने, फर्जी आधार कार्ड तैयार करके फर्जीवाड़ा करने समेत अन्य मामलों में भी चार्जशीट दाखिल कर दी। झोकनबाग निवासी महिला ने हरेंद्र मसीह पर सितंबर में 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए नवाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 27 अक्टूबर को हरेंद्र चोरी की बाइक के साथ पकड़ा गया था।