आईआईटी बीएचयू की टीम हृदयम को राष्ट्रीय नवाचार कार्यक्रम में बेहतर इनोवेशन के लिए एक लाख का पुरस्कार मिला है। हृदय में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए एंजियोग्राफी का विकल्प देने पर टीम को ये पुरस्कार मिला। कोयंबटूर में फोर्ज, इनोवेशन और वेंचर्स की थीम पर चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में आईआईटी बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने ये उपलब्धि हासिल की। आईआईटी बीएचयू के बायो मेडिकल इंजीनियरिंग स्कूल से एमटेक और पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को मिलाकर हृदय टीम बनी है। टीम ने एंजियोग्राफी के विकल्प के तौर पर दिल में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए एक प्रोटोटाइप डिवाइस बनाई है। इससे कम समय और आसानी से ब्लॉकेज का लोकेशन पता लगाया जा सकता है। इस आयोजन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संस्करण में 49,892 टीमों के 2,99,352 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इसमें दो फीसदी टीम को पुरस्कृत किया। वास्तविक दुनिया की समस्याओं का खोजा हल कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. अजय प्रताप ने बताया कि ये नवाचार स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में इलाज विधियों को बेहतर करने के लिए किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ और एआईसीटीई की ओर से इसकी शुरुआत की गई है। यहां छात्र वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करते हैं। 33 टीमों को मिली फाइनल में जगह स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने हार्डवेयर विकसित करने के लिए छात्र-छात्राओं के समक्ष पांच बड़ी चुनौतियां रखीं। देशभर से 33 टीमों को फाइनल में जगह मिली। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संस्करण में 49,892 टीमों ने भाग लिया। इनमें 2,99,352 छात्रों ने देश भर के कई उच्च शिक्षा संस्थानों से हिस्सा लिया। इन टीमों ने 254 हल प्रस्तुत किए। भाग लेने वाली टीमों में से हृदयम समेत केवल टॉप 2 प्रतिशत को ग्रैंड फिनाले के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।