वाराणसी स्नातक खंड के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने बुधवार को शीतकालीन सत्र में सभापति के समक्ष पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की सरकार की योजना को लेकर सवाल उठाए। विधान परिषद में सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संभल में बिजली चोरी का डाटा प्रस्तुत कर दिया। एके शर्मा ने निजीकरण के मुद्दे को लेकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संभल में आधा दर्जन से अधिक मस्जिदों के जरिए 130 किलोवॉट से अधिक की बिजली चोरी की जा रही थी। इस मामले में अब तक 112 से अधिक एफआईआर हो चुकी है। एमएलसी ने पूछे सवाल पूर्वाचल डिस्काम से जुड़े 67.67 लाख कस्टमर पर 23 हजार 978 करोड़ बकाया है। निजी कम्पनी आने से पूर्व का बकाया भी बलपूर्वक वसूलेगी। – पूर्वाचल डिस्काम 23 हजार करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष में अपने को संसाधन बढ़ाने में। इतना खर्च करने के बाद पूर्वाचल डिस्काम को 6000 करोड़ में तीन कंपनियों में बांटने की तैयारी क्यों हो रही। – सरकारी आकड़ों के मुताबिक पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह सितम्बर 2024 तक राजस्व वसूली में रिकार्ड 1 हजार 377 करोड़ की वृद्धि हुई है। राजस्व घाटा भी 3413 करोड़ से घटकर 2 हजार 505 करोड़ हुआ है। सरकार ने दिए सिर्फ तीन विकल्प ऊर्जा मंत्री अपनी उपलब्धियां वर्ष भर गिनाते रहते हैं, जब उपलब्धियां सच है तो फिर किस आन्तरिक गठजोड़ से किस उद्योगपति/पूजींपति को प्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए निजीकरण करना चाहते है। सरकार ने कर्मचारियों को मात्र तीन विकल्प दिए हैं उसी स्थान पर बने रहें। UPPCL या अन्य डिस्कॉम में आ जाएं। आकर्षक VRS ले लें। आशुतोष सिन्हा ने कहा ये सीधे सीधे बिजली कर्मचारियों को धमकी दी जा रही है।