मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की अम्बेडकरनगर स्थित पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। आरोपियों ने पहले जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करवा लिया। अब आरोपियों ने जमीन पर नींव की खुदाई करवानी शुरू कर दी। इस बात की जानकारी मिलते ही केयर टेकर ने इसकी जानकारी दिग्विजय सिंह को दी। दिग्विजय सिंह ने अम्बेडकरनगर डीएम और एसडीएम से इस मामले की शिकायत की। इसके बाद प्रशासन ने जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण को रुकवाया। फिलहाल प्रशासन ने जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि ये मामला संदिग्ध लग रहा है। प्रशासन ने जमीन को बेचे जाने की बात से इनकार किया है। वहीं इस जमीन के कई केयर टेकर होने की बात भी सामने आ रही है। ये मामला अम्बेडकरनगर के आलापुर स्थित रामनगर महुवर गांव का है। 21 फरवरी को जमीन पर काम शुरू हुआ था। 22 फरवरी को शिकायत मिलने के बाद ये काम रुकवा दिया गया था। अभी सारा काम बंद है। अब विस्तार से जानते हैं पूरा मामला… बता दें, रामनगर महुवर गांव के गाटा संख्या 1235 की 0.152 हेक्टेयर जमीन एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के नाम दर्ज है। पहले यह जमीन उनकी मां के नाम थी। जिनका निधन 18 फरवरी 1986 को हुआ। इसके बाद 18 मई 2024 को यह जमीन विरासत में दिग्विजय सिंह और उनके भाई लक्ष्मण के नाम हो गई। मौजूदा समय में इस जमीन की कीमत 50 लाख रुपए के करीब आंकी जा रही है। खुद को दिग्विजय का पॉवर ऑफ अटॉर्नी बताकर कराया फर्जी बैनामा शिकायतकर्ता केयर टेकर अनिल कुमार यादव के मुताबिक, केवटला निवासी रामहरक चौहान नाम के व्यक्ति ने 1989 में खुद को दिग्विजय सिंह का मुख्तार-ए-आम यानी पॉवर ऑफ अटॉर्नी बताकर जियालाल, राजबहादुर (शिवप्रसाद के पुत्र) और मंगली (मद्धू के पुत्र) नामक व्यक्तियों के नाम बैनामा कर दिया। शुक्रवार को जब ये बैनामा धारक जमीन पर नींव खोदाई करवाने लगे तो उन्होंने मामले की जानकारी दिग्विजय सिंह को दी। मौसा थे राजा, दी थी जमीन बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह की मौसी विमला देवी की शादी मकरही स्टेट के राजा महेश्वरी सिंह से हुई थी। भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत 1894 से 1975 के दौरान राजाओं की जमीन की चकबंदी शुरू हुई। इसी के तहत सरकार राजाओं की जमीन को अधिग्रहित करने लगी। सीलिंग से अपनी जमीन को बचाने के लिए राजा महेश्वरी सिंह ने इस जमीन को अपनी साली यानी दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी के नाम कर दिया था। मां के गुजरने के बाद ये जमीन दिग्विजय सिंह की हो गई। एसडीएम ने लेखपाल को किया तलब एसडीएम सुभाष सिंह ने कहा कि जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत मिली है। निर्माण कार्य रुकवाकर जमीन के कागजातों की जांच की जा रही है। इसके लिए लेखपाल से जमीन का ब्योरा निकलवाकर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जल्द ही मामले में आवश्यक कार्रवाई होगी। ये खबर भी पढ़ें… दुनिया के आधे हिंदू महाकुंभ पहुंचे:60 करोड़ ने डुबकी लगाई; 144 साल का संयोग या कुछ और…लोग इतने क्रेजी क्यों? ‘यहां सब देखकर मन खुश हो गया। मेरी बेटी अपने 2 महीने के बेटे के साथ हरियाणा से आई है। यह महाकुंभ 144 साल बाद आएगा, इसलिए इसे भी स्नान कराएंगे।’ यह बात बनारस से आए 55 साल के अनुज तिवारी बड़े गर्व से कहते हैं। उनके साथ परिवार के 7 लोग आए हैं। महाकुंभ आने वाले सिर्फ अनुज तिवारी का ही यह सोचना नहीं है, बल्कि 144 साल बाद आए महाकुंभ में स्नान से चूक न जाएं यह मानकर करोड़ों लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच गए। पढ़ें पूरी खबर…
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