संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) लखनऊ में एनेस्थीसिया की रीजनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। 2 दिन के इस इवेंट का विषय कॉम्प्रिहेंसिव रीजनल एनेस्थीसिया फॉर ट्रॉमा रहा।इस दौरान संस्थान के निदेशक प्रो.आरके धीमन भी मौजूद रहे। वर्कशॉप के पहले सत्र के दौरान एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. प्रभात तिवारी ने कहा कि एनेस्थीसिया में पैन मैनेजमेंट बेहद अहम पार्ट हो गया है। आने वाले दौर में इसकी रेलेवेंसी और बढ़ने जा रही है। ऐसे में इस कॉन्फ्रेंस से बहुत फायदा होने जा रहा है। उन्होंने लोकल एनेस्थीसिया की भूमिका पर जोर दिया हुए कहा कि इस वर्कशॉप में प्रैक्टिकल नॉलेज गेन करने पर सबसे ज्यादा फोकस है। मरीजों के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी सीखे डॉक्टर
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने विभाग को बधाई दी और मरीजों की देखभाल के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। साथ ही आने वाले दौर के लिए खुद को अपडेट रहने की भी पर भी जोर दिया। उन्होंने डॉक्टरों से मरीज के लिए हर संभव टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी हासिल करने की बात कही। पैन मैनेजमेंट बेहद अहम
SGPGI के सीएमएस डॉ.संजय धीराज ने पैन मैनेजमेंट के साथ मरीज के रिकवरी पर जोर देते हुए कहा कि ट्रामा के रोगियों में लोकल एनेस्थीसिया की भूमिका अहम है। ऐसे में फोकस टेक्नोलॉजी इनेबल्ड ट्रीटमेंट पर किया जाना चाहिए। एनेस्थीसिया के विशेषज्ञों को अब ट्रेडिशनल कामों के साथ बदले हुए इवॉल्विंग रोल में भी आना पड़ेगा। इसका असल फायदा मरीजों को सबसे ज्यादा होगा।