उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) की चयन प्रणाली पर एक बार फिर से उंगली उठी है। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी चयन प्रणाली को लेकर आरोप लग चुके हैं। इस बार सीनियर महिला टीम की चयन प्रणाली को लेकर बड़ा आरोप लगा है। अधिवक्ता ने भेजा फिजियो को नोटिस
लखनऊ के अधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की वरिष्ठ महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट मीना नागर को नोटिस भेजा है। इसमें उन्होंने कहा एक महिला क्रिकेटर के इंजरी थी। इसके बाद भी उसे टीम में कैसे शामिल किया गया। जबकि वो खिलाड़ी मैच में खेली भी नहीं। ट्रायल में शामिल हुई तो सबूत दें
अधिवक्ता ने पूछा- महिला खिलाड़ी का टीम में नाम आने से पहले क्या वो 27, 28, 29, व 30 नवंबर को होने वाले ट्रायल में शामिल हुई थी? यदि हुई थी तो प्रमाण उपलब्ध कराए। यदि खिलाड़ी 27 और 30 नवंबर के बीच खिलाड़ी फिट थी तो उसका भी प्रमाण उपलब्ध कराए। खिलाड़ी के हाथ में टांके लगे थी तो क्या इस संबंध में कोई रिपोर्ट यूपीसीए को सौंपी गई थी? यदि खिलाड़ी अनफिट थी तो उसका टीम में चयन क्यों किया गया। टीम में खिलाड़ी खेली भी नहीं
सूत्रों के मुताबिक टीम शामिल खिलाड़ी एक भी मैच नहीं खेली। उसके हाथ में गंभीर चोट लगने के कारण वो एक मैच में गेंद फेंकने उतरी। 3 से 4 गेंद फेंकने के बाद वह किसी भी मैच में नहीं खेली। वो खिलाड़ी टीम की जरूरत थी
यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी ने बताया कि हां एक नोटिस मिला है। वो खिलाड़ी एक अच्छी क्रिकेटर है। टीम को उसकी जरूरत थी। इसलिए उसे टीम में शामिल किया गया था। खिलाड़ी ने भी खेलने की इच्छा जाहिर की थी। इंजरी ठीक नहीं हुई इसलिए वो खेल नहीं पाई थी।