इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर ईशा गुहा ने ब्रिस्बेन के गाबा में भारत- ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन रविवार को जसप्रीत बुमराह को प्राइमेट कहना भारी पड़ा। जिसके बाद उन्होंने बुमराह से माफी मांगी है। बता दें कि, प्राइमेट का मतलब बंदर होता है। ऐसे में ईशा पर बुमराह को लेकर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा। सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी बवाल हुआ।
दरअसल, गुहा ने बुमराह के पांच विकेट लेने के बाद दूसरे दिन फॉक्स क्रिकेट के लिए कमेंट्री करते हुए कहा था कि खैर, वह MVP हैं, है न? मोस्ट वैल्यूएबल प्राइमेट, जसप्रीत बुमराह। वह भारत के लिए पूरा योगदान देने वाले खिलाड़ी हैं और यही वजह है कि इस टेस्ट मैच से पहले उन पर इतना ध्यान दिया गया था। क्या वह फिट होंगे?
2008 के मंकीगेट कांड के दिनों से दोनों क्रिकेट टीमों के बीच ऐतिहासिक तनाव को देखते हुए प्राइमेट शब्द का इस्तेमाल ने सुर्खियां बटोरी। हालांकि, इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर गुहा ने तीसरे दिन खेल शुरू होने से पहले ऑन-एयर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि, कल कमेंट्री में मैंने एक ऐसा शब्द का इस्तेमाल किया जिसका कई अलग-अलग तरीकों से मतलब निकाला जा सकता है। सबसे पहले मैं किसी भी तह की ठेस के लिए माफी मांगना चाहती हूं। जब दूसरों के प्रति सहानुभूति और सम्मान की बात आती है तो मैंने खुद के लिए बहुत ऊंचे मानक तय किए हैं और अगर आप पूरी ट्रांसक्रिप्ट सुनें तो मेरा मतलब भारत के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक और ऐसे व्यक्ति की सबसे ज्यादा प्रशंसा करना था, जिसकी मैं भी बहुत तारीफ करती हूं।
ईशा ने आगे कहा कि, मैं समानता की समर्थक हूं और ऐसी व्यक्ति हूं जिसने अपना पूरा करियर खेल में समावेश और समझ के बारे में सोचने में बिताया है। मैं उनकी उपलब्धियों की विशालता को दर्शाने की कोशिश कर रही थी। मैंने गलत शब्द चुना है और इसके लिए मुझे गहरा खेद है। मैं दक्षिण एशियाई मूल की हूं इसलिए मुझे उम्मीद है कि लोग समझेंगे कि इसमें कोई और इरादा या दुर्भावना नहीं थी।