मेरी अस्थियों का विसर्जन तब तक मत करना, जब तक मुझे प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिल जाती। अगर मेरी पत्नी, ससुरालवाले और जज बेगुनाह साबित हो गए, तो मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना। 34 साल के AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले ये बातें 24 पेज के सुसाइड नोट में लिखी थी। हर पेज के ऊपर लिखा था- जस्टिस इज ड्यू। 9 दिसंबर को अतुल का शव बेंगलुरु में उनके फ्लैट से मिला था। उन्होंने 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड भी किया था। अतुल ने वीडियो में बताया कि उनकी पत्नी निकिता ने UP के जौनपुर में उनके खिलाफ कई झूठे केस दर्ज करवाए हैं। वह केस वापस लेने के लिए 3 करोड़ रुपए मांग रही है। कपल का एक 4 साल का बेटा भी है। निकिता ने उससे मिलने की इजाजत देने के लिए 30 लाख की डिमांड की थी। अतुल बेंगलुरु के मराठाहल्ली इलाके में डेल्फिनियम रसिडेंसी में रहते थे। यहां अधिकतर IT प्रोफेशनल्स ही रहते हैं। अतुल पुरुष अधिकारों के लिए काम करने वाले कई NGO से जुड़े थे। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने अतुल के दोस्त, उनके पड़ोसी और NGO मेंबर्स से बात की। ये रिपोर्ट पढ़िए- दोस्त बोला- अतुल की पत्नी उसे ATM की तरह यूज करती थी
बेंगलुरु की एक IT कंपनी में काम करने वाले सुजीत ने बताया कि वे अतुल के दोस्त हैं। सुजीत ने कहा, ‘मैं अतुल को पिछले 4 साल से जानता था। मैं दूसरी कंपनी में काम करता हूं। अतुल की कंपनी अलग थी, लेकिन वह मेरा बहुत क्लोज फ्रेंड था।’ ‘उसने मुझे बस इतना बताया था कि उसकी पत्नी और जज उसे ATM की तरह यूज कर रही है। उसकी पत्नी ने क्लाउड किचन खोलने के लिए 50 लाख रुपए मांगे थे। घर खरीदने के लिए 1 करोड़ रुपए मांग रही थी। अतुल उसे 15-20 लाख रुपए पहले ही दे चुका था। इन सब के बावजूद उसे उसके बेटे से नहीं मिलने दिया जाता था।’ सुजीत ने कहा, ‘अतुल ने केस की सुनवाई के चलते दो साल के भीतर 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर आना-जाना किया था। इसमें उसके बेहिसाब पैसे खर्च हो रहे थे। आखिरी बार जब वह कोर्ट गया था तो उसकी पत्नी ने जज के सामने कहा था कि 3 करोड़ नहीं दे सकते तो जाकर सुसाइड कर लो। जज उसकी बातों पर हंस रही थी। शायद इसलिए उसने आत्महत्या कर ली।’ सुजीत ने कहा, अतुल ने दो कारणों से आत्महत्या की- सुसाइड से पहले NGO मेंबर्स को गुडबाय मैसेज भेजा
अतुल ने आत्महत्या से पहले अपना वीडियो और सुसाइड नोट सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन के वॉट्सऐप ग्रुप पर भेजा था। अतुल इस NGO के सीनियर मेंबर थे। भास्कर रिपोर्टर ने NGO के मेंबर नवीन कुमार से बात की। नवीन ने बताया, ‘अतुल पिछले कुछ सालों से इस NGO से जुड़े थे। यह संस्था पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करती है। अतुल ने रात करीब 1 बजे गुड बाय का मैसेज भेजा था। उसने NGO को सभी वीडियो डॉक्यूमेंट और सुसाइड नोट भी भेजे। 24 पेज के सुसाइड नोट के हर पन्ने पर ‘जस्टिस इज ड्यू’ लिखा था। हम जब तक उसे घर गए, तब तक उसकी मौत हो गई थी।’ NGO के एक अन्य मेंबर सुरेश ने कहा, ‘अतुल NGO का सीनियर मेंबर था। मेरी उससे कई बार बात हुई थी। हम अपनी दिक्कतों के बारे में एक दूसरे से बात करते थे। अतुल पहले अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ नहीं बताता था, लेकिन कुछ सीनियर काउंसलरों ने हमारी काउंसिलिंग की थी। इसके बाद अतुल ने कुछ चीजें शेयर कीं।’ ‘उसने बताया था कि उसके ऊपर एक के बाद एक केस दर्ज किए जा रहे हैं। उसकी सास उसे अपने बच्चे से नहीं मिलने देती थी। उसके ऊपर आफिस की भी जिम्मेदारी थी। वह एक लीड डेटा साइंटिस्ट था। इसलिए वह बहुत परेशान रहता था, लेकिन वह तनाव के कारण नहीं मरा।’ ‘अतुल डिप्रेशन में नहीं था। वह एक हीरो की तरह मरा। वह समाज में एक बदलाव लाना चाहता था। वह पुरुषों के खिलाफ हो रहे अन्याय का मुद्दा उठाना चाहता था। वह बताना चाहता था कि देश में महिलाओं के हित में बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।’ अतुल के भाई ने कहा- भाभी उसे मेंटल टॉर्चर कर रही थी
अतुल के भाई बिकास ने मीडिया से बातचीत की थी। उन्होंने बताया, ‘8 दिसंबर की शाम को भैया से फोन पर मेरी बात हुई थी। बातचीत के दौरान मुझे बिल्कुल नहीं लगा कि वह कुछ ऐसा कर सकता है। रात 9-10 बजे के करीब मम्मी-पापा ने भी बात की थी। उस दौरान भी वह नॉर्मल था। देर रात उसने सुसाइड कर लिया।’ ‘भैया ने रात के 2 बजे मुझे मैसेज भेजा था। मेल पर कई डॉक्यूमेंट भी भेजे थे। मैं सो रहा था। रात करीब 3-4 बजे मुझे सेव इंडिया फैमिली फाउंडेशन के मेंबर का फोन आया। मुझसे पूछा कि क्या आपके पास कोई सुसाइडल मैसेज आया है। पहले लगा कोई प्रैंक कॉल होगा। फिर मैंने भैया का मैसेज देखा।’ ‘मैंने तुरंत भैया को फोन किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। मैंने NGO वालों को कॉल किया। उन्होंने बताया कि वे पुलिस के साथ उनके घर जा रहे हैं। वहां भैया की कार नहीं थी। पुलिस को लगा कि भैया घर पर नहीं है। मैंने पुलिस को दरवाजा तोड़कर अंदर देखने को कहा। भैया ने पंखे से लटककर जान दे दी थी।’ बिकास ने कहा, ‘भाभी 3 करोड़ मांग रही थी। आम आदमी के लिए 3 करोड़ रुपए कमाना आम बात नहीं है। भैया की नौकरी की कमाई का जरिया था। वह मम्मी-पापा को हर महीने पैसे भेजते थे। बेंगलुरु में उनके अपने भी खर्चे होते थे। 3 करोड़ कहां से देते। ‘भाभी उनको मेंटली हैरेस कर रही थी। जज के सामने कहती थी, सुसाइड कर लो। ये टॉर्चर नहीं था तो क्या था। मेरे भाई ने बलिदानी दी है। उसने हर जगह लिखा है – जस्टिस इज ड्यू। मेरे भाई ने राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट सभी को मेल किया था। हमें इंसाफ चाहिए। हम चाहते है कि कानून में बदलाव होने चाहिए, ताकि साबित कर सकें कि हम गलत नहीं हैं।’ अतुल मूलरुप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे। बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते थे। अतुल के परिवार में उनके माता-पिता और एक छोटा भाई है। अतुल की आत्महत्या के बाद उनका परिवार बेंगलुरु पहुंचा था। अंतिम संस्कार के बाद 11 दिसंबर को सभी उनकी अस्थियां लेकर बिहार लौट गए। निकिता, उसकी मां और भाई घर छोड़कर फरार
अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया यूपी के जौनपुर की रहने वाली है। उसके परिवार में मां और भाई है। बिकास ने निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुशील के खिलाफ बेंगलुरु में FIR दर्ज करवाई है। 11 दिसंबर की रात निकिता की मां और भाई अनुराग घर छोड़कर भाग गए। घर से भागते समय दोनों मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हो गए। बेंगलुरु पुलिस 13 दिसंबर को जौनपुर में अतुल की पत्नी निकिता के घर पहुंची। घर पर ताला लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस अतुल के ससुराल पहुंची। यहां पर भी घर पर ताला लगा था। पुलिस ने दोनों घरों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है। तीनों को बेंगलुरु पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा गया है। दूसरी तरफ, निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा, ‘मुझे मीडिया से पता चला कि मेरा नाम FIR में है, जबकि मैं बेंगलुरु में नहीं था। न ही मेरा मामले से कोई लेना देना है। तीन साल से कोर्ट में केस चल रहा है। इस दौरान मेरी अतुल या उसके घरवालों से कोई बात नहीं हुई। हमारा परिवार दोषी नहीं है। अब कोर्ट ही फैसला करेगा।’ पुलिस कमिश्नर बोले- दो टीमें मामले की जांच कर रही
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने 13 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मामले की जांच के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। एक टीम जौनपुर में है। दूसरी टीम बेंगलुरु में जांच कर रही है। पुलिस मौके से जुटाए गए सबूतों और मृतक के भाई बिकास से मिली जानकारी पर काम कर रही है। अतुल ने अपनी आखिरी इच्छा में लिखा, ‘मेरे केस की सुनवाई का लाइव टेलिकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छू सके। जब तक प्रताड़ित करने वालों को सजा न हो, मेरी अस्थियां विसर्जित न हों। यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।’ अतुल के सुसाइड नोट की 4 मुख्य बातें अतुल सुसाइड केस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… अतुल सुभाष पर पत्नी ने अप्राकृतिक सेक्स जैसे 9 केस किए, क्या सुसाइड आखिरी रास्ता था अतुल सुभाष ने सुसाइड से पहले वीडियो मैसेज में देश के जस्टिस सिस्टम और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस पर कई गंभीर सवाल उठाए, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। भास्कर एक्सप्लेनर में उन सवालों के जवाब पढ़िए… AI इंजीनियर खुदकुशी केस- बेंगलुरु में कैंडिल मार्च:लोगों ने कहा- सरकार पुरुषों के उत्पीड़न के लिए कानून बनाए AI इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के विरोध में बेंगलुरु के इंजीनियर्स ने प्रदर्शन किया। यहां के मराठाहल्ली इलाके में कैंडिल मार्च निकाला। इनका कहना था कि महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए कानून हैं, जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कानून नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…