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अमेरिका में अवैध अप्रवासी भारतीयों को ट्रैकर लगाए:24 घंटे इनकी लोकेशन पर निगरानी; 2363 को डिटेंशन सेंटर में डाला

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अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे भारतीय प्रवासियों की वापसी के बाद कई नए खुलासे हो रहे हैं। अमेरिका ने अब तक बिना वैध दस्तावेज वाले 20,407 भारतीयों को चिह्नित किया है। इन सभी को अवैध भारतीय अप्रवासी कहा जाता है। ये अंतिम बेदखली आदेश (फाइनल रिमूवल ऑर्डर) के इंतजार में हैं। इनमें से 2,467 भारतीय इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) के डिटेंशन सेंटर्स में कैद थे। इन्हीं में से 104 को हाल में भारत डिपोर्ट किया गया। इसके अलावा 17,940 भारतीय ऐसे हैं जो बाहर हैं, इनमें से कई भारतीयों के पैरों में डिजिटल ट्रैकर (एंकल मॉनीटर) लगाए गए हैं। ICE इनकी लोकशन चौबीसों घंटे ट्रैक करती है। ये लोग निर्धारित लोकेशन से बाहर नही जा सकते हैं। अमेरिकी डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता से ज्यादा लोग अमेरिकी डिटेंशन सेंटर को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट में बड़े खुलासे हुए हैं। ICE ने कहा कि कि उनके डिटेंशन सेंटर्स में क्षमता के मुकाबले 109% लोग ज्यादा है। होमलैंड सुरक्षा विभाग के डेटा के मुताबिक डिटेंशन सेंटर्स की कुल क्षमता 38,521 बिस्तरों की है। वहीं, फिलहाल इस सेंटर्स में 42 हजार अवैध अप्रवासी हैं। इनमें से आधों को मेक्सिको सीमा पर गिरफ्तार किया गया था। भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के पैर में चेन बांधी गई थी, जबकि हाथ भी बेड़ियों में जकड़े हुए थे। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक्स ने अपने X हैंडल पर इसका वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीयों के हाथों और पैरों में बेड़ियां साफ देखी जा सकती हैं। माइकल बैंक्स ने X पर लिखा, अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल USBP ने अवैध एलियंस को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा। यह अब तक की सबसे लंबी डिपोर्टेशन फ्लाइट थी, जिसके लिए मिलिट्री एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया। यह मिशन अवैध प्रवासियों के निष्कासित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको वापस भेजा जाएगा। यूरोप के टूर पर गई निकिता अमेरिका से डिपोर्ट हुईं गुजरात के मेहसाणा की 28 वर्षीय निकिता पटेल अपनी सहेली के साथ यूरोप के टूर पर गई थी। यहां उनके पिता कनूभाई पटेल ने बताया कि बेटी से परिवार की आखिरी बात 14-15 जनवरी हो हुई थी, तब वह यूरोप में ही थी। वहीं, आणंद जिले की युवती भी नर्सिंग के बाद यहां प्राइवेट हॉस्पिटल में 30 हजार की जॉब नौकरी करती थीं। करीब डेढ़ साल पहले वह गहने और खेत बेचकर एजेंट को 52 लाख रुपए देकर वाया कनाडा अमेरिका पहुंच गई। उसे नौकरी भी मिल गई लेकिन अब डिपोर्ट किया है। 16 साल में 15 हजार से ज्यादा भारतीय डिपोर्ट हुए अपराधिक अप्रवासियों को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल भेज रहे ट्रम्प अमेरिकी सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वादे के मुताबिक अवैध अप्रवासी अपराधियों को पूर्वी क्यूबा के ग्वांतानामो बे में बनी जेल में भेजना शुरू कर दिया है। अमेरिकी सेना का एक विमान 10 अपराधियों को लेकर 4 जनवरी को यहां पहुंचा। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के प्रवक्ता ट्रिकिया मैकलॉफिन के मुताबिक ये सभी अपराधी हैं। इन पर जघन्य अपराधों में शामिल रहने के आरोप हैं। ग्वांतानामो बे अमेरिकी नौसेना का का एक बेस है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने यहां 30 हजार अप्रवासियों को रखने के लिए आदेश दिए हैं। इस जेल को दुनिया की सबसे खतरनाक जेल माना जाता है। यहां से अमानवीय यातनाओं की खबरें सामने आती रही हैं। ————————- अवैध अप्रवासी भारतीयों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अमेरिका जाने के डंकी रूट के VIDEO:कीचड़ से सने पैर, बारिश के बीच टेंट; डिपोर्ट किए हरियाणा के युवक ने बनाए थे अमेरिका की ओर से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों में हरियाणा के करनाल का आकाश भी शामिल है। आकाश जिस डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा, उसके 4 वीडियो सामने आए हैं। आकाश ने पनामा के जंगलों से गुजरते हुए यह वीडियो बनाकर परिवार को भेजे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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