गढ़वा में चलती बस के दौरान ड्राइवर को हार्ट अटैक आ गया है। बस ड्राइवर नाम वीरेंद्र पांडेय है। जानकारी के मुताबिक, राजा साहब नाम की बस में यात्रियों को लेकर वह गढ़वा से रांची जा रहा था। बस स्टैंड से खुलने के आधे घंटे बाद ही वह वह गिर पड़ा। उस समय बस की स्पीड करीब 80KM/ घंटे थी और तहले नदी के पुल को क्रॉस कर रही थी। ड्राइवर जिस समय हार्ट अटैक आया है, उस समय बस में 50-60 यात्री थे। बस ड्राइवर के गिरने के बाद यात्रियों ने किसी तरह CPR देकर उसकी जान बचाई। इसके बाद मेदिनीनगर अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। वहीं, इस घटना के बाद दूसरी बस से यात्रियों को भेजा गया। बस स्टैंड से 13 किमी की दूरी पर आया हार्ट अटैक बताया जा रहा है कि सुबह 9.10 बजे गढ़वा के रंका मोड़ से खुलने के बाद बस रांची की ओर जा रही थी। गाड़ी बस स्टैंड से करीब 13 किमी की दूरी पर थी। तब बस की 80 की स्पीड थी। बस गढ़वा-शाहपुर सड़क में स्थित तहले नदी पार कर ही रही थी कि अचानक चालक वीरेंद्र पांडेय को सीने में दर्द होने लगा। ड्राइवर ने किसी तरह पांच से दस सेकेंड के अंदर पुल पार कराया और फिर बेहोश हो गया। ये सब देख बस में बैठे यात्री घबरा गए। यात्री की जुबानी… उसने हमें बचाया, उसकी जिंदगी बचाने में हमलोग सफल रहे बस में सवार गढ़वा प्रखंड के झूरा गांव निवासी मनीष तिवारी ने बताया, ‘जैसे ही ड्राइवर बेहोश हुआ, मैंने तुरंत गढ़वा के डॉक्टर निशांत सिंह से बात की। डॉक्टर के निर्देशानुसार, राजीव भारद्वाज, उपेंद्र सिंह (कंडक्टर), संतोष कुमार नामक यात्रियों ने ड्राइवर के मुंह में सांसें भरनी शुरू कर दी। इसके साथ ही चेस्ट पर CPR (पंपिंग) देने लगे। यात्री ने बताया- ड्राइवर की सांसें कुछ देर के लिए थम गई गई थी। CPR देने के बाद उसकी सांसें वापस आ गई। जिसके बाद उसे होश आया। इसी बीच उन्होंने अपने भाई अमित तिवारी को कार लेकर मौके पर बुलाया, जहां से चालक को कार से तत्काल तेज गति से मेदिनीनगर स्थित नारायण सुपर स्पेसिलिटी पहुंचाया गया। वहीं, बस को दूसरे व सह चालक लेकर रांची रवाना हो गया। डॉक्टर ने कहा- CPR से बची जान मेदिनीनगर के नारायण सुपर स्पेसिलिटी अस्पताल के चिकित्सक डॉ सचिन ने कहा कि चालक को हार्ट अटैक आया था, मगर यात्रियों के समय पर पंपिंग करने से उसकी जान बच सकी है। वहीं गढ़वा के चिकित्सक डॉ निशांत को यात्रियों ने वस्तुस्थिति से अवगत कराया तो उन्होंने भी हार्ट अटैक आने की ही संभावना जताई और पंपिंग करने की सलाह दी थी। अब पढ़िए CPR क्या है CPR यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक ऐसी इमरजेंसी लाइफ सेविंग प्रोसिजर है, जो तब की जाती है, जब हृदय की धड़कन रुक जाती है। सीपीआर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट से बचने में मदद कर सकता है। भले ही आपको सीपीआर देना न आता हो, आप सिर्फ अपने हाथों का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति की मदद कर सकते हैं। इसके लिए आपको तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है।