मुलिनो ने कहा कि पनामा नहर के कैरेबियन और प्रशांत महासागर की तरफ खुलने वाले दो पोर्ट के गेट्स का मैनेजमेंट का सीके हचिसन होल्डिंग्स की एक सहायक कंपनी करती है। यह कंपनी हांगकांग में स्थित है, इस पर चीन का कोई नियंत्रण नहीं है। मुलिनो ने आगे कहा कि पनामा नहर और उसके आस-पास की एक-एक इंच जमीन पनामा की है और ये आगे भी पनामा की ही रहेगी। मुलिनों के इस बयान का जवाब देते हुए ट्रम्प ने कहा कि हम इस बारे में आगे सोचेंगे। अमेरिका ने 1914 में पनामा नहर को बनाया था अमेरिका ने पनामा नहर का निर्माण 1914 में पूरा कर लिया था। इसे अमेरिकी इंजीनियरिंग का सर्वोत्तम उदाहरण माना जाता है। इसे बनाने के दौरान लगभग 38 हजार अमेरिकी मजदूरों की मौत हुई थी। इसे बनाने में उस समय 37.5 करोड़ डॉलर का खर्च हुए थे। अगले कई सालों तक इस नहर पर अमेरिका का कंट्रोल था। 1977 में अमेरिका और पनामा के बीच हुए समझौते के बाद इस नहर को पनामा को सौंपने की शुरुआत हुई। 1999 में इसे पूरी तरह पनामा को सौंप दिया गया था।