Drishyamindia

दिग्विजय बोले-गोविंद राजपूत को परिवहन विभाग देने का दबाव था:कहा-वजह सिंधिया जी बता सकते हैं; पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस की जांच ईडी-आईटी करे

Advertisement

‘कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग देने का दबाव था। इन विभागों को लेकर इतना दबाव क्यों बनाया गया था, यह तो सिंधिया जी ही बता सकते हैं। ये आरोप मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भोपाल में लगाया है। उन्होंने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां हुई छापेमारी में मिले कैश, गोल्ड और अन्य संपत्तियों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने इस केस से लोकायुक्त को हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा- केस की जांच ईडी और आयकर विभाग को सौंपी जानी चाहिए। दिग्विजय सिंह के आरोपों पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतिगत लड़ाई लड़ी है। चेक बैरियर भी हमने बंद किए थे। हम हर स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। पत्र में लिखा- इतना बड़ा भ्रष्टाचारी देखने को नहीं मिला
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पता लगाना चाहिए कि पैसा किसका है, कहां से आया और कहां गया। पूरी जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में होनी चाहिए। मध्य प्रदेश के इतिहास में इतना बड़ा भ्रष्टाचारी कभी देखने को नहीं मिला। जहां जंगल में खड़ी कार से 52 किलो सोना, 200 किलो चांदी की सिल्लियां मिलीं। आरोप- कांग्रेस सरकार के समय बोर्ड बनाया गया था
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब कमलनाथ की सरकार बनी थी, तब उन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से दबाव था कि परिवहन और राजस्व विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिया जाए। इसके बाद हमारी सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया था, जो यह फैसला करता था कि कहां किसकी पोस्टिंग होगी। मुझे जानकारी है कि जब शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया। परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को फिर सौंप दिया गया। इसके बाद एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई। वसूली करने वाले व्यक्ति यानी कटर की नियुक्ति होने लगी। दिग्विजय बोले- सौरभ शर्मा नाकों पर वसूली करता था
दिग्विजय ने कहा कि सौरभ शर्मा को कटर बताते हुए कहा कि वह टोल नाकों पर वसूली करता था। उसके साथ संजय श्रीवास्तव, वीरेश तुमरात और दशरथ सिंह पटेल नाकों की नीलामी करके वसूली करते थे। वसूली का पैसा कहां जाता था, इसकी जांच अगर इनकम टैक्स अथॉरिटी करे तो मनी ट्रेल का पता चल जाएगा। मनी ट्रेल का पता लगते ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) में गिरफ्तारी होनी चाहिए। क्या इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट इस पर संज्ञान नहीं लेगा?
दिग्विजय सिंह ने आष्टा में सुसाइड करने वाले कारोबारी मनोज परमार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एक छोटे से कारोबारी मनोज परमार के यहां तो ईडी पहुंच गई। उसके पास तो कुछ था ही नहीं। यहां करोड़ों का कैश, सोना-चांदी, संपत्ति मिल रही है। क्या एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट इस पर संज्ञान नहीं लेगा? दिग्विजय ने कहा- 20 साल भ्रष्टाचार का आलम रहा इससे जुड़ी यह खबर भी पढ़ें- आयकर विभाग के हाथ लगी पूर्व कॉन्स्टेबल की डायरी भोपाल में मेंडोरी के जंगल से गुरुवार रात 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश के साथ इनोवा कार जब्त की गई थी। आयकर अधिकारियों के हाथ एक डायरी और कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनमें खुलासा हुआ है कि RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ सालभर में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन किया है। पूरी खबर पढ़ें…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े