Drishyamindia

दिल्ली में धर्म संसद, देशभर के साधू-संत शामिल हुए:वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड बनाने की मांग; बालाजी प्रसादम में चर्बी का मुद्दा उठा

Advertisement

दिल्ली में शनिवार को तीसरी सनातन धर्म संसद का आयोजन हुआ। इसमें द्वारकापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती समेत देश के प्रमुख 50-60 संत, साध्वी, कथावाचक शामिल हुए। संसद का आयोजन कथावाचक देवकीनंदन ने कराया। संसद में शंकराचार्य सरस्वती ने कहा- यदि हम (हिंदु) अपने स्वधर्म को नहीं पहचानेंगे तो हमें इसी तरह अपमानित होना पड़ेगा। दूसरे लोग हम पर शासन करते रहेगें। वहीं, कथावाचक देवकीनंदन ने वक्फ बोर्ड की तरह ही सनातन बोर्ड बनाने की मांग की। उन्होंने आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में चर्बी मिलाए जाने की घटना का भी जिक्र किया। देवकीनंदन ने महिलाओं-युवतियों संग हुई कुछ घटनाओं का जिक्र किया। इसके अलावा चौथी धर्म संसद अगले साल प्रयागराज में होने जा रहे कुंभ मेले में रखने की बात भी कही। दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक चली धर्म संसद में द्वारकापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी, कथावाचक देवकीनंदन, अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, कुबेरेश्वर धाम के प्रदीप मिश्रा, कथावाचक सरस्वती मां सहित सहित अन्य लोग पहुंचे थे। सनातन धर्म संसद की 4 तस्वीरें… धर्म संसद में किसने क्या कहा… ………………………. सनातन धर्म से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… अगहन मास शुरू, 15 दिसंबर तक रहेगा: इस महीने में होती है श्रीकृष्ण और शंख पूजा, अक्षय पुण्य के लिए स्नान-दान और व्रत करने की परंपरा 16 नवंबर से अगहन महीना शुरू हो गया है। जो 15 दिसंबर तक रहेगा। इस महीने सुख-समृद्धि के लिए शंख और लक्ष्मी जी की पूजा करने की परंपरा है। सूर्य को जल भी चढ़ाते हैं। इससे हर तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है, इस महीने किए गए स्नान-दान, व्रत और पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है।​​​​​​​ श्रीकृष्ण का प्रिय महीना होने से अगहन मास में यमुना नदी में नहाने का विधान ग्रंथों में बताया है। इससे हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं। इस महीने के आखिरी दिन यानी पूर्णिमा पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में रहता है। इसलिए इसे मार्गशीर्ष कहा गया है। पूरी खबर पढ़ें…

​ 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यह भी पढ़े