पंजाब में पांच नगर निगमों और 43 नगर परिषदों के चुनावों की घोषणा आज (28 सितंबर) हो सकती है। यह जानकारी पंजाब सरकार के वकील ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दी है। कोर्ट में सरकार ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर निगम और नगर परिषद चुनावों का कार्यक्रम जारी न होने पर यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हालांकि, सरकार ने चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी थी। याचिकाकर्ता बेअंत सिंह ने अपने वकील के माध्यम से राज्य चुनाव आयोग के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। अदालत में थी ये दलील याचिकाकर्ता ने याचिका में दलील दी है कि पंजाब सरकार ने 22 नवंबर को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेजा था। अधिसूचना मिलने के बाद आयोग की ओर से चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया गया। इसी के चलते उनकी ओर से याचिका दायर की गई है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने उन्हें अधिकार दिया था कि अगर भविष्य में उन्हें लगे कि मामले में उचित कार्रवाई नहीं हो रही है तो वे फिर से कोर्ट आ सकते हैं। सरकार ने चुनाव के लिए तैयार होने का किया दावा इससे पहले निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अब चुनाव कराने को लेकर राज्य चुनाव आयोग को फैसला लेना है। उनकी तरफ से चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव पार्टी सिंबल पर होंगे। निकाय विभाग ने चुनाव आयोग को बताया है कि वे दिसंबर के अंत तक चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनाव शहरी क्षेत्रों में होंगे। वहीं, पुराने वार्ड विभाजन के हिसाब से ही चुनाव होंगे। क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। उसमें इस संबंध में आदेश दिए गए हैं। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला मामला पंजाब में 5 नगर निगम और 44 नगर परिषद के चुनाव को लेकर लंबी जंग चली। यह लड़ाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गई। 11 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कुल 10 सप्ताह में चुनाव करवाने को कहा था। शीर्ष अदालत ने 15 दिनों में चुनाव की नोटिफिकेशन और अगले 8 हफ्तों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार की तरफ से 6 नवंबर को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। उस आदेश में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 10 दिन में चुनाव की नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर 50 हजार जुर्माना लगेगा, साथ ही अवमानना का केस चलेगा। वहीं, 21 नवंबर को सरकार ने हाईकोर्ट में बताया था कि 25 नवंबर तक चुनाव की नोटिफिकेशन जारी कर दी जाएगी। इसके बाद उच्च अदालत ने केस का निटपारा कर दिया था।