पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी देवगौड़ा ने मंगलवार को राज्यसभा में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था पर फिर से विचार करने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि संसद को यह देखना चाहिए कि आरक्षण जाति के आधार पर जारी रहे या इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लागू किया जाए। संविधान पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि यह सदन और देश के नेताओं का दायित्व है कि वे विचार करें कि क्या वर्तमान आरक्षण प्रणाली गरीबों और वंचितों को उनके हालात से उबारने में सफल रही है। अब भी लाखों लोग गरीबी में जी रहे हैं और दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गरीबों को प्राथमिकता दी जाना चाहिए देवगौड़ा ने कहा कि जो लोग सबसे ज्यादा गरीबी से जूझ रहे हैं और जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श करें। देवगौड़ा ने यह भी कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान में हर चुनौती को सहते हुए अपनी प्रासंगिकता साबित की है। उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र का आधार बताया। कैसे हुई थी आरक्षण की शुरुआत… संविधान सभा ने क्यों जाति के आधार आरक्षण दिया