पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम के एक बयान पर विवाद हो गया है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फिरहाद ने कहा कि, आज मुस्लिम भले ही अल्पसंख्यक हो। लेकिन समय आएगा जब हम भी बहुसंख्यक होंगे। हमें न्याय के लिए मोमबत्ती नहीं जलानी पड़ेगी। फिरहाद के इस बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने हकीम के बयान की आलोचना की। अमित ने कहा- हकीम का यह बयान शरिया कानून के समर्थन की तरफ इशारा कर रहा है। अब पढ़िए फिरहाद हकीम का पूरा बयान… 13 दिसंबर को फिरहाद हकीम कोलकाता में अल्पसंख्यक छात्रों से जुड़े एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। नगर निगम मामलों और शहरी विकास मंत्री हकीम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- पश्चिम बंगाल में, हम 33 प्रतिशत हैं और पूरे देश में हम 17 प्रतिशत हैं। हम संख्यात्मक रूप से अल्पसंख्यक हो सकते हैं, लेकिन अल्लाह की रहमत से, हम इतने सशक्त हो सकते हैं कि हमें न्याय के लिए मोमबत्ती जलाने की जरूरत नहीं होगी। हम ऐसी स्थिति में होंगे जहां हमारी आवाजें अपने आप सुनी जाएंगी और न्याय के लिए हमारी पुकार सुनी जाएगी। फिरहाद बोले- ज्यूडिशियरी में मुसलमान जजों की संख्या बढ़े
कार्यक्रम में फिरहाद ने न्यायपालिका में मुसलमानों के कम प्रतिनिधित्व पर भी अपनी बात रखी। कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनिंदा मुस्लिम जस्टिस की ओर इशारा करते हुए हकीम ने सुझाव दिया कि सशक्तिकरण और कड़ी मेहनत से इस अंतर को पाटा जा सकता है। हकीम ने कहा- हम मानते हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य राष्ट्र की प्रगति को सुविधाजनक बनाने के लिए अन्य समुदायों के साथ मिलकर काम करते हैं। भाजपा बोली- हकीम चाहते हैं मुसलमान न्याय अपने हाथ में लेंगे
भाजपा के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने फिरहाद के बयान की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल जल्द ही मुस्लिम बहुसंख्यक हो जाएगा। हकीम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां मुसलमान अब शांतिपूर्ण विरोध या जुलूस पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि न्याय को अपने हाथों में लेंगे। लगता है वो शरिया कानून की ओर इशारा कर रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। कोलकाता के बड़े हिस्से, खासकर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में रोहिंग्याओं सहित अवैध घुसपैठियों का बोलबाला है। हकीम के बयान से लगता है कि अवैध प्रवासियों की संख्या में और इजाफा होगा। इससे डेमोग्राफिक चेंज हो सकता है।