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बोरवेल में चेतना, मां रोते हुए बोली- वो भूखी-प्यासी है:परिवार का आरोप- अधिकारी भगा देते हैं, कहते हैं- कलेक्टर मैम बताएंगी, अभी सो रही हैं

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कोटपूतली में चेतना (3) को निकालने की कोशिशें अब दम तोड़ रही है। प्रशासन के बार-बार बदलते प्लान और अब बारिश ने रेस्क्यू आपरेशन को लगभग ठप कर दिया। अधिकारी अब हर दिन दावा करते हैं कि आज टीमें नीचे उतरेंगी, लेकिन शाम होते-होते फैसला अगले दिन पर टल जाता है। अब परिवार-ग्रामीणों ने भी प्रशासन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। चेतना के ताऊ शुभराम ने शानिवार को कहा कि- अधिकारी जवाब नहीं देते है। ज्यादा पूछो तो कहते हैं-कलेक्टर मैम बताएंगी, अभी वो सो रही हैं। बच्ची की मां धोली देवी ने एक बार फिर प्रशासन से उनकी बेटी को बाहर निकलाने की गुहार लगाई है। 114 घंटे बाद भी टीमें फेल चेतना को निकालने के लिए दो दिन पहले पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पैरलल करीब 170 फीट का गड्‌ढा खोदा गया था। बताया जा रहा है कि रैट माइनर्स पाइप के जरिए इस गड्‌ढे में उतरेंगे। इसके बाद वे गड्‌ढे से बोरवेल तक 20 फीट की सुरंग खोदेंगे, लेकिन अब तक इस प्लान पर आगे नहीं बढ़ जा सका है। दरअसल, किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी की चेतना सोमवार (23 दिसंबर) को 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंस गई थी। देसी जुगाड़ से उसे रेस्क्यू टीमें केवल 30 फीट ऊपर ला सकी थीं। मासूम करीब 114 घंटे से भूखी-प्यासी है और चार दिन से कोई मूवमेंट नहीं कर रही है। बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में बढ़ाई मुश्किलें एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश कुमार मीणा ने बताया- गुरुवार रात से ही बारिश की वजह से बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है। हमने जो 5 पाइप अंदर डाले हैं, उनको वेल्ड कर रहे थे, लेकिन बारिश की वजह से परेशानी हो रही है। अभी 5 पाइपों को वेल्ड किया जा चुका है। इसके साथ पाइप का वजन काफी ज्यादा है, पहले वाली मशीन वजन सहन नहीं कर पा रही थी। हमें 100 टन क्षमता की हाइड्रा मशीन मंगवानी पड़ी है। एक बार वेल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही टीम नीचे उतरेगी और खुदाई शुरू की जाएगी। इसमें भी समय लग सकता है। अब देखिए रेस्क्यू से जुड़े PHOTOS…

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