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भुवनेश्वर में 8 जनवरी से प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन:प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन करेंगे, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 को समापन समारोह में शामिल होंगी

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ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 8 से 10 जनवरी तक 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को इसका उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन का समापन 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इस दिन प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार समारोह भी होगा। सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू शामिल होंगी। सम्मेलन की शुरुआत 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस के साथ होगी। पहली बार आयोजन का जिम्मा संभाल रही ओडिशा सरकार ने 50 देशों से 3,500 प्रवासियों को बुलाने का लक्ष्य रखा है। तीन दिवसीय सम्मेलन में कुल उपस्थिति लगभग 7,500 लोगों की होगी। ओडिशा सरकार के गृह विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में डेली रजिस्ट्रेशन की संख्या 150 से अधिक हो गई है। एक सप्ताह पहले यह संख्या रोजाना केवल 40 से 50 तक थी। सम्मेलन का आयोजन 2003 में वाजपेयी ने शुरू किया था
2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत की थी। अब तक यह सम्मेलन नई दिल्ली, मुंबई, कोच्चि, हैदराबाद, जयपुर, चेन्नई, वाराणसी, बेंगलुरु और इंदौर जैसे शहरों में आयोजित किया जा चुका है। 2021 में कोविड महामारी के दौरान इसे वर्चुअल मोड पर किया गया था। ₹125 करोड़ का बजट
भुवनेश्वर पहली बार मेजबानी कर रहा है। शहर की नगर पालिका और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने सम्मेलन के साथ-साथ कई सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इनमें रात का फ्ली मार्केट, आदिवासी मेला, खाद्य महोत्सव, राजरानी संगीत फेस्टिवल, मुक्तेश्वर नृत्य महोत्सव और एकाम्र महोत्सव जैसे प्रमुख आयोजन शामिल हैं। इसके लिए ₹125 करोड़ का बजट निर्धारित किया था। मेहमानों के लिए मुंबई से 5 डबल डेकर बसें और 10 प्रीमियम बसें मंगवाई गई हैं। इन बसों के माध्यम से अतिथियों को ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा, जिनमें कलिंग युद्ध स्थली, पुरी जगन्नाथ मंदिर, ब्लू फ्लैग समुद्री तट और कोणार्क के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर सहित कुल 31 प्रमुख स्थल शामिल हैं। भुवनेश्वर को उसकी चारुकला और हस्तकला की अनोखी प्रतिभा दिखाने के लिए पारंपरिक चित्रकला से सुसज्जित किया गया है, और आधुनिक रोशनी से सजाया जा रहा है। इसके अलावा, वस्त्र शिल्प में प्राचीन ओडिशा की कुशलता प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष हैंडलूम वाकाथन का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में कई मॉडल पारंपरिक वेशभूषा पहनकर पूरे शहर की परिक्रमा करेंगे। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (ITO) की ओडिशा शाखा के चेयरमैन गगन सारंगी ने बताया कि राज्य के अधिकांश टूर और ट्रैवल पार्टनर्स ने सम्मेलन के दौरान कैब और वेकेशन स्टे की बुकिंग में वृद्धि की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि जैसे-जैसे सम्मेलन की तारीख नजदीक आएगी, इन बुकिंग्स की संख्या और अधिक बढ़ने की संभावना है। बढ़-चढ़ कर हो रहा रजिस्ट्रेशन
कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजीकरण अनुरोध मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के भारतीय निवासियों से प्राप्त हुए हैं। इसके बाद खाड़ी देशों और यूरोप सहित 50 से अधिक देशों के प्रतिभागियों ने भी इस आयोजन में रुचि दिखाई है। पंजीकरण कराने वाले NRI में केरल, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी प्रमुख हैं। ओडिशा से भी एक बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। भुवनेश्वर में आयोजित हो रहा यह 18वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘पूर्वोदय मिशन’ के साथ पूरी तरह संरेखित है। इन योजनाओं का उद्देश्य भारत के पूर्वी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और उनकी निवेश क्षमता को उजागर करना है। ओडिशा की 482 किमी लंबी तटरेखा दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के सामने एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की अगुवाई में हो रहा यह एनआरआई सम्मेलन ओडिशा सरकार के लिए पर्यटन, बंदरगाह-आधारित बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों में बड़े निवेश आकर्षित करने का एक सुनहरा अवसर है।

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