यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में हुई भगदड़ का जिक्र किया। बताया कि उस दिन 37 लोगों की मौत हुई। कहा, संगम तट पर बैरिकेड टूटने से भगदड़ हुई। चपेट में 66 श्रद्धालु आए थे। इनमें 30 की मौत हुई थी। उस दिन प्रयागराज के अंदर अलग-अलग जगहों पर कुछ प्रेशर पॉइंट बने हुए थे, वहां भी 7 लोगों की मौत हुई थी। इन सभी घटनाओं को भगदड़ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। 36 मृतकों में 35 के परिजन शवों को अपने साथ घर ले गए। एक की शिनाख्त नहीं हो सकी। उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया है। डीएनए सुरक्षित रखा गया है। एक घायल का इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। सीएम योगी ने 1954, 1974 और 1986 के कुंभ में हुई भगदड़ का भी जिक्र किया। कहा, 1954 के कुंभ में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राष्ट्रपति की भागीदारी के बावजूद 800 से अधिक श्रद्धालु भगदड़ में अपनी जान गंवा बैठे थे। इसके विपरीत इस बार सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सरकार ने कई जिलों में होल्डिंग एरिया और पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की, जिससे यातायात और भीड़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता मिली। प्रयागराज सिटी की अधिकतम क्षमता 25 लाख है, वहां पर 7 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान करवाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। सीएम योगी ने विधानसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। शायरी के अंदाज में अखिलेश यादव पर निशाना साधा। कहा- बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं। सीएम योगी ने कहा- सपा के बारे में कहा जाता है- जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। सपा अध्यक्ष शुरू से महाकुंभ का विरोध कर रहे थे, लेकिन आखिरी में चुपचाप जाकर डुबकी लगा आएं। ये बड़ी विडंबना है। सीएम ने चुटकी लेते हुए कहा- पूरे परिवार को लेकर गए थे, आगे-पीछे चच्चू (शिवपाल) को भी साथ ले जाते। 2013 में उनकी मजबूरी समझ सकता हूं, लेकिन 2025 में कम से कम पुण्य के भागीदार बना देते। भतीजा चला गया और चच्चू फिर ठगा का ठगा रह गया। पांडेय जी (माता प्रसाद पांडेय), चच्चू को लेकर जाइए। आप जाएंगे तो बहुत सारी अच्छी चीजें देखकर आएंगे। सीएम योगी के संबोधन की बड़ी बातें पढ़िए- 1- महाकुंभ भगदड़ पर राजनीति करना ठीक नहीं
महाकुंभ को लेकर तमाम दुष्प्रचार किए गए, लेकिन सनातनी आए हैं। 56 करोड़ लोग अब तक आ चुके हैं। जब सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं, तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है। भगदड़ में जिनकी जान गई, उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। जो लोग हादसे का शिकार हुए, उनके प्रति भी संवेदना व्यक्त करते हैं। सरकार उनके साथ खड़ी है, लेकिन इसमें राजनीति करना ठीक नहीं है। 2- महाकुंभ किसी पार्टी विशेष का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन
यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है। सरकार पीछे है। सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है। काहिरा, नेपाल, झारखंड और देश की अन्य दुर्घटनाओं को महाकुंभ और झूंसी के साथ जोड़कर दुष्प्रचार करके अफवाह फैलाने का काम हो रहा है, ऐसा करने वाले आखिर कौन लोग थे। इसलिए मैं कहना चाहता हूं- बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं, जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं। 3- बोलियां जबरन थोपी नहीं गई हैं
यह उर्दू नहीं, हिंदी है। जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने विरोध किया। हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है। हिंदी इस सदन की भाषा है। हिंदी को तो हटाया नहीं, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं। यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है। भोजपुरी, ब्रज, अवधी और बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है। उसी दायरे में सारे काम हुए। आप जैसे उम्रदराज व्यक्ति को इसका स्वागत करना चाहिए। इस कार्य के साथ सकारात्मक भाव से जुड़ना चाहिए। 4- खड़गे कहते हैं- कुंभ भगदड़ में हजारों लोग मारे गए
आप लोगों के बारे में एक मान्यता यह भी है कि समाजवादी जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं। इसलिए मैं आपके विरोध का न उपहास उड़ाता हूं, न ही कुछ कहता हूं। जब विधानसभा में महाकुंभ पर चर्चा होनी थी, उस वक्त आपने चर्चा होने नहीं दी थी। ये महाकुंभ का विरोध पहले दिन से कर रहे थे। आपके एक सहयोगी कहते हैं- फालतू का कुंभ है। खड़गे कहते हैं- कुंभ भगदड़ में हजारों लोग मारे गए। इनकी एक और सहयोगी कहती हैं- महाकुंभ मृत्युकंभ में बदल गया? ये क्या है? जया बच्चन, जो सपा की नेत्री हैं, कहती हैं- मृतकों की संख्या सही बताई जानी चाहिए। गंगा में शव बहा दिए गए। इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए जाते हैं। 5- सनातन धर्म इस देश का राष्ट्रीय धर्म है
क्या सनातन धर्म का अनुयायी बनना, सनातन के किसी कार्यक्रम को भव्यता के साथ करना? क्या कोई अपराध है। अगर यह अपराध है तो हमारी सरकार इस अपराध को कर रही है। आगे भी करेगी। क्योंकि हम लोग मानते हैं कि सनातन धर्म इस देश का राष्ट्रीय धर्म है। 6- सनातन धर्म की सुरक्षा विश्व मानवता की सुरक्षा की गारंटी
सनातन धर्म की सुरक्षा में ही भारत में पल रहे हर मत-मजहब की सुरक्षा है। सनातन धर्म की सुरक्षा विश्व मानवता की सुरक्षा की गारंटी है। महाकुंभ में भेदभाव तो किसी के साथ नहीं हुआ। प्रयागराज महाकुंभ में क्रिकेटर शमी ने भी स्नान किया। हर जाति-महजब के लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है। 7- जिसके अंदर संक्रमण भरा उसका इलाज नहीं
हां, अगर कोई चिढ़ाने के लिए आया है, तो उसे उसी प्रकार दुत्कार कर भगा दिया गया। यह होना भी चाहिए था। आप लोगों ने जो बात कही, हमें बुरा नहीं लगा। क्योंकि आप लोगों की यह प्रवृत्ति है। क्योंकि हम मानते हैं कि संक्रमित व्यक्ति का इलाज हो सकता है, लेकिन जिसके अंदर संक्रमण भरा हो उसका इलाज नहीं हो सकता। वो अपने आप ही कुढ़ता रहता है। 8- महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है
महान कार्य को तीन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उपहास, विरोध और स्वीकृति से। स्वीकृति का इससे बड़ा परिणाम क्या हो सकता है कि जो सपा अध्यक्ष शुरू से महाकुंभ का विरोध कर रहे थे। आखिरी में चुपचाप जाकर डुबकी लगाकर आएं। 9- नेता प्रतिपक्ष से कहा- आप 2013 में नहीं जा पाए थे
नेता प्रतिपक्ष से योगी ने कहा कि आप 2013 में नहीं जा पाए थे, जब आप जा रहे थे, तभी आपको फोन आ गया। इसके बाद आप वापस आ गए। लेकिन इस बार आप गए। मुझे अच्छा लगा। आपने यूपी सरकार की व्यवस्था की सराहना की। आपने मुझे प्रत्यक्ष नहीं, बल्कि स्पीकर साहब को धन्यवाद दिया कि महाकुंभ में अच्छी व्यवस्था है। महाकुंभ के बारे में अनेक दुष्प्रचार किए गए। महाकुंभ का जिक्र ऋग्वेद और भागवत गीता में भी है। 10- मॉरीशस के पीएम ने 2013 में डुबकी लगाने से इनकार कर दिया था
योगी ने 2013 कुंभ में गंगा और यमुना की गंदगी का जिक्र करते हुए कहा, उस समय स्थिति इतनी खराब थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी लगाने से इनकार कर दिया था। इस बार 81 नालों को टेप कर 261 एमएलडी सीवर के ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। जनवरी और फरवरी माह में संगम नोज पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक के अनुरूप पाई गई हैं, जोकि ढाई हजार एमपीएन प्रति 100 एमएल से कम है। ये यूपी पॉल्यूशन बोर्ड की रिपोर्ट है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में भी इसे मानक के अनुरूप पाया है। उन्होंने बताया कि यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड लगातार जल की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहा है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार, संगम का जल अब स्नान और आचमन दोनों के योग्य पाया गया है। 11- 2013 में कुंभ के पैसे में भ्रष्टाचार हुआ
मुख्यमंत्री ने कहा, 2013 में प्रयाग स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुखिया केंद्र सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे। केंद्र सरकार से इन्हें पैसा भी नहीं मिल रहा था और जो पैसे खर्च किये गए, उनमें बेहिसाब भ्रष्टाचार हुआ। मुख्यमंत्री ने 2014 की कैग की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया। ————————————————– यह भी पढ़िए… विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष को टांगकर ले गए मार्शल:सवाल पूछने को लेकर वेल में आकर बैठ गए थे बिहारी लाल यादव यूपी में बजट सत्र के दूसरे दिन विधानपरिषद में हंगामा हो गया। बात इतनी बढ़ गई है कि नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव को मार्शल टांगकर बाहर ले गए। हुआ यूं कि विपक्ष महाकुंभ पर चर्चा के लिए और टाइम मांग रहा था, जिसका नेता सदन केशव मौर्य ने विरोध किया। इसके बाद सभापति मानवेंद्र सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए टाइम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद लाल बिहारी यादव और सपा के अन्य नेता वेल में आकर बैठ गए। इसके बाद सभापति ने केशव मौर्य से कहा- माननीय नेता सदन सारी सीमाएं पार हो रही हैं। जवाब में केशव मौर्य ने कहा- अति हो गई है। पूरी खबर पढ़िए…
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