लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उत्तर भारत में बढ़ते एयर पॉल्यूशन पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने X अकाउंट पर वीडियो और मैसेज शेयर किया है। राहुल ने लिखा, ‘उत्तर भारत में एयर पॉल्यूशन नेशनल इमरजेंसी है। ये पब्लिक हेल्थ क्राइसिस है, जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है। एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा जो अनगिनत लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है।’ उन्होंने लिखा- हमारे बीच सबसे गरीब लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, जो अपने आस-पास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते। परिवार स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की जिंदगी खत्म हो रही हैं। पर्यटन घट रहा है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा गिर रही है। राहुल ने कहा- कुछ दिनों में संसद की बैठक होने वाली है। वहां सांसदों को हमारी जलती आंखे और गले की दिक्कत से पॉल्यूशन की परेशानी याद आएगी। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए कैसे खत्म कर सकता है। राहुल के शेयर किए वीडियो की बातचीत की मुख्य बातें…
राहुल गांधी दिल्ली में इंडिया गेट पर हैं। सुबह 6 बजे ये वीडियो शूट किया गया, इस दौरान इलाके का एक्यूआई 396 है, जो बहुत खतरनाक स्तर का है। वीडियो में राहुल और मॉडरेटर के बीच उत्तर भारत के प्रदूषण पर चर्चा हो रही है। राहुल- दिल्ली में प्रदूषण के क्या कॉम्पोनेंट्स हैं। कई लोग कहते हैं कि पराली जलाना, पटाखे जलाना इसके कारण हैं। लेकिन कोई एक चीज नहीं हो सकती है। मॉडरेडेर- ये केवल दिल्ली, उत्तर भारत ही नहीं पूरे भारत के परेशानी है। दिल्ली-NCR की बात करें तो इसके लिए दो तरह के सोर्स जिम्मेदार हैं। पहला एपिसोडिक सोर्स इसमें पटाके जलाना, पराली जलाना शामिल है। दूसरा पेरेनिनल सोर्स है, इसमें 365 दिनों तक प्रदूषण करने वाले सोर्स शामिल हैं। दिल्ली के एयर पॉल्यूशन का 50 फीसदी जिम्मेदार व्हीकल से होने वाला पॉल्यूशन है। इसमें भी प्राइवेट व्हीकल का नंबर ज्यादा है। कंस्ट्रक्शन पॉल्यूशन, रोड डस्ट का 30 परसेंट है। लेकिन लोग केवल एपिसोडिक सोर्स की बात करते हैं। राहुल- बीता एक हफ्ता बहुत मुश्किल भरा रहा है। आंखों में जलन की शिकायत रही। डेमेज पूरे साल रहता है, लेकिन इन महीनों (नवंबर से जनवरी) तक ज्यादा दिखता है। मैं अपनी मां से कहता हूं इन महीनों में वे यहां से चली जाएं। मॉडरेटर – हम लोग पूरे साल डेमेज झेलते हैं। इन दिनों एक्यूआई पीक पर होता है। यूं समझें कि पूरे साल हम 200 एक्यूआई में रहते हैं और इन दिनों ये बढ़ जाता है, 900,1500, 1700 तक चला जाता है। हम पूरे साल टॉक्सिक एयर में ब्रीथ कर रहे हैं। राहुल गांधी- इसका सॉल्यूशन क्या है ? मॉडरेटर – अगर हमे पॉल्यूशन के सोर्स पता हैं। व्हीकल पॉल्यूशन 50 परसेंट है और साल भर है तो पॉलिटिकल विल हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर काम सकते हैं। राहुल- इसे सही करने में कितना खर्च होगा ? मॉडरेटर – अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए पैसा है, रोड कंस्ट्रक्शन के लिए पैसा है। एक महीने पहले बनी सड़क उखड़ जाता है, तो कहीं न कहीं सरकार की लापरवाही है। पॉल्यूशन के लिए थर्मल प्लांट भी जिम्मेदार हैं। दिल्ली में हर तीसरे बच्चे को सांस लेने में दिक्कत है। दिल्ली के लोगों की लाइफ 10-12 साल कम हो रही है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। दिल्ली पॉल्यूशन पर सुप्रीम कोर्ट बोला- दिल्ली सरकार की कोशिशों से संतुष्ट नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण को लेकर 22 नवंबर को केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा, ‘दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है।” जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम को लेकर आपत्ति जताई है। आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 4 के प्रतिबंध समय पर लागू कराने में विफल रही। GRAP-4 के प्रतिबंध कम से कम 3 दिन और लागू रहने चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र सरकार इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’ पूरी खबर पढ़ें… AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है। ग्रेप के स्टेज