हरियाणा की BJP सरकार प्रदेश में बसे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालेगी। इसके लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों के जरिए इनकी पहचान की जा रही है। पुलिस की टीमें लगातार झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर इनकी पहचान से जुड़े कागज चेक कर रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो रेवाड़ी, नूंह, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया गया। खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट दिया है कि ये रोहिंग्या प्रदेश में अपराध और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों में पुलिस और CID को अलर्ट रहने के लिए कहा है। इसके साथ ही दिल्ली में कार्रवाई के बाद रोहिंग्याओं के हरियाणा आने की संभावना पर बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सरकार ने इसके लिए 12 जनवरी 2025 तक की डेडलाइन तय की है। वहीं, भाजपा पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए इस कार्रवाई का प्रचार तक कर रही है। इसमें सीधे तौर पर कांग्रेस और उनके शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इन 3 वजहों से अलर्ट हुई हरियाणा सरकार… 1. दिल्ली में सख्ती के बाद हरियाणा में आने का शक
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के खिलाफ विशेष अभियान चल रहा है। इसके चलते हरियाणा पुलिस पुलिस का कहना है कि दिल्ली में रहने वाले रोहिंग्या बचने के लिए हरियाणा में आ सकते हैं। ऐसे में कड़ी निगरानी रखनी जरूरी है। बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ने के लिए पुलिस और CID को अलर्ट रहने को कहा गया है। 2. अपराध-देश विरोधी नेटवर्क चलाने का इनपुट
सरकार को शक है कि मुस्लिम बाहुल्य मेवात (नूंह) में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है। मेवात में कुछ लोग इन रोहिंग्या मुसलमानों को शरण दे रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने भी सरकार के आगे शिकायत की कि यह रोहिंग्या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इनके बारे में पूरी जानकारी के बगैर इन्हें रोकना मुमकिन नहीं। ऐसे में इन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए और तब तक पूरी सख्ती बरती जानी चाहिए। 3. राशन कार्ड, पहचान पत्र तक बनवाए
हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में 600 से 700 परिवार रोहिंग्या मुसलमानों के हैं। अकेले मेवात में करीब दो हजार रोहिंग्या रहते हैं। हालांकि, इसे लेकर VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान मेवात (नूंह), फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल और यमुनानगर जिलों में रहते हैं। बाकी जिलों में भी रोहिंग्या हैं। उनके आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड तक बन चुके हैं। सोशल मीडिया पर 2 वजहों से प्रचार कर रही भाजपा 1. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। इसे लेकर भारत में गुस्से का माहौल है। इससे अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को देश से निकालने की मांग हो रही है। ऐसे में BJP इस माहौल को अपने पक्ष में करना चाहती है। 2. दिल्ली चुनाव में हिंदू वोट बैंक का फायदा
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। दिल्ली में रोहिंग्या के खिलाफ अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के जरिए भाजपा दिल्ली चुनाव में हिंदुओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश में है। चूंकि, दिल्ली हरियाणा से सटा हुआ है, ऐसे में पार्टी को यहां की कार्रवाई का असर दिल्ली में भी होने की उम्मीद है। CM ने गृह विभाग की मीटिंग में अपडेट लिया
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, CM नायब सिंह सैनी ने रविवार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक की। बैठक में वरिष्ठ पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारी बुलाए गए। इसमें भी अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर अपडेट लिया गया। हालांकि, इसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है।