किसान आंदोलन की वजह से 10 महीने से बंद हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसमें हाई पावर कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट के साथ 22 दिनों से मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पर सुनवाई संभव है। इस से पहले 13 दिसंबर को सुनवाई हुई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार करते हुए हाई पावर कमेटी को निर्देश दिया कि वह किसानों को समझाए कि अपना प्रदर्शन हाईवे की बजाए दूसरी जगह शिफ्ट करें या कुछ समय के लिए स्थगित करें। इस दौरान कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत पर चिंता जताते हुए पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह उन्हें तुरंत मेडिकल सुविधा दें। अनशन तुड़वाने के लिए डल्लेवाल से कोई जबरदस्ती न हो। पंजाब व केंद्र सरकार के प्रतिनिधि किसान नेता डल्लेवाल से मिलकर उन्हें आमरण अनशन तोड़ने के लिए समझाएं। इसके बाद पंजाब पुलिस के DGP गौरव यादव और केंद्र सरकार के अधिकारी ने डल्लेवाल से मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना था। शंभू बॉर्डर को लेकर 3 अहम बातें… 1. कमेटी बोली- किसान नेता मीटिंग के लिए नहीं आए
13 दिसंबर को हाई पावर कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट पेश की थी। कमेटी ने बताया कि कई बार किसान नेताओं को बुलाया, लेकिन वे नहीं आए। 11-12 सितंबर को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव और DGP की बैठक बुलाई गई। इसमें सुझाव दिया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के कोऑर्डिनेटर जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के महासचिव सरवन सिंह पंधेर को बैठक के लिए बुलाया जाए। दोनों से बैठक के लिए सुविधाजनक तारीख और समय बताने का अनुरोध किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। 18 अक्टूबर को हरियाणा निवास में बैठक करने का निमंत्रण भेजा गया। किसान नेताओं ने कमेटी के साथ चर्चा के लिए आने में असमर्थता जताई। 2. सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमेटी बनाई
सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने हाई पावर कमेटी बनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी को आंदोलनकारी किसानों के बीच पहुंचकर अपने ट्रैक्टर हटाने का अनुरोध करना चाहिए। कमेटी में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल हैं। 3. हाईकोर्ट ने एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने के दिए आदेश, सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची
जुलाई महीने में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि बैरिकेड हटाएं। किसानों की मांग केंद्र सरकार से है। इसलिए उन्हें दिल्ली की तरफ जाने की छूट दे देनी चाहिए। इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सरकार ने दलील थी कि कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है। 3 बार दिल्ली जाने की कोशिश, हरियाणा पुलिस ने रोके
शंभू बॉर्डर से किसानों ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और 14 दिसंबर को दिल्ली जाने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने तीनों बार रोक लिए। इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। कई किसान घायल हुए। इसके बाद किसान नेता सरवण पंधेर ने ऐलान किया कि 18 दिसंबर को पंजाब में 12 बजे से 3 बजे तक रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा में किसानों का ट्रैक्टर मार्च शंभू-खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार (16 दिसंबर) को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। हिसार, सोनीपत, चरखी दादरी, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में किसानों ट्रैक्टर मार्च निकाल प्रदर्शन किया। पूरी खबर पढ़ें…