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सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली में पेड़ों की गिनती का आदेश:कहा- कैपिटल सिटी की स्थिति बहुत विनाशकारी, हर रोज 3000 मीट्रिक टन सॉलिड वेस्ट निकल रहा

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दिल्ली में पेड़ों की गिनती की जाएगी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने ट्री सेंसस (Tree Census) आदेश दिया। दिल्ली ट्री अथॉरिटी से बेंच ने कहा- 50 या उससे अधिक पेड़ों की कटाई के लिए केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) मंजूरी की परमिशन लेनी होगी। बेंच ने दिल्ली के एयर पॉल्यूशन पर कहा- कैपिटल सिटी में बहुत ही विनाशकारी स्थिति है। कोर्ट में दोनों पक्षों के नोकझोंक से कुछ नहीं होगा। दिल्ली सरकार इसके सुधार के लिए कदम उठाए। कोर्ट ये टिप्पणी दिल्ली एयर पॉल्यूशन की सुनवाई के दौरान सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का मुद्दा उठने पर आई। इस पर बेंच ने चिंता भी जताई। जस्टिस अभय एस ओका ने कहा- MCD एरिया में 3000 मीट्रिक टन कचरा ट्रीट नहीं किया जा रहा है। 2027 तक ये 6000 मीट्रिक टन हो जाएगा। मिस्टर चीफ सेक्रेटरी कृपया 27 जनवरी तक एक एफिडेविट दायर करें, जिसमें हमें बहुत ईमानदारी से बताया जाए कि 2016 के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नियमों में किन समयसीमाओं का पालन किया गया और किनका नहीं। साथ ही बेंच ने कहा है कि एफिडेविट में गाजीपुर-भलस्वा में कचरे की अवैध डंपिंग के चलते लगने वाली आग रोकने के लिए उठाए गए कदमों का डिटेल भी दें। बेंच ने निर्माण कार्य रोकने की बात भी कही, जिससे सॉलिड वेस्ट प्रोडक्शन को कंट्रोल किया जा सके। दिल्ली में पेड़ों की गणना (Tree Census) कराने का आदेश
जस्टिस ए एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने दिल्ली वृक्ष प्राधिकरण से कहा- पेड़ों की गणना के लिए वन अनुसंधान संस्थान (FRI) को शामिल करें और गणना स्पेशलिस्ट्स की मदद लें। बेंच ने कहा- पेड़ हमारे पर्यावरण का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। एहतियातन सरकार को पर्यावरण क्षरण के कारणों का अनुमान लगाना, उन्हें रोकना और उनको खत्म करना चाहिए। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना भी शामिल है। कोर्ट का ये आदेश 1985 में दायर पर्यावरणविद् एमसी मेहता की जनहित याचिका पर आया। 18 दिसंबर को कोर्ट ने कहा था कि पेड़ों पर कानून उन्हें काटने के लिए नहीं बल्कि बचाने के लिए हैं। बेंच ने कहा- पेड़ काटने की परमिशन से जुड़े डॉक्यूमेंट मिलने के बाद CEC एडिशनल डॉक्युमेंट के लिए ट्री अफसर को कभी भी बुला सकेगी। CEC एप्लिकेशन और दूसरी चीजों पर करेगा। इसके बाद तय करेगा कि पेड़ काटने की परमिशन देनी चाहिए या नहीं। अगर देनी चाहिए तो किन नियम और शर्तों के साथ दी जाए। हम ये स्पष्ट करते हैं कि 50 या अधिक पेड़ों को गिराने की अनुमति देते समय जब तक कि कोई अपवाद न हो पेड़ लगाने की शर्त लगाई जानी चाहिए। नहीं तो कटाई की परमिशन नहीं दी जानी चाहिए। CEC की परमिशन के बिना पेड़ नहीं काटे जाएंगे
को बेंच ने एक एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा, जो दिल्ली की ग्रीनरी को बढ़ाने की दिशा में कदम सुझा सके। इसने राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की गणना की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था और कहा था कि वह वृक्ष अधिकारी द्वारा किए जाने वाले कार्यों की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण बनाना चाहती है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगर ट्री अफसर 50 या उससे अधिक पेड़ों को काटने की परमिशन दे देता है, लेकिन CEC की परमिशन के बिना पेड़ नहीं काटे जाएंगे। पेड़ों की गणना तीन स्पेशलिस्ट रिटायर IFS ईश्वर सिंह, सुनील लिमये के अलावा ट्री एक्सपर्ट प्रदीप सिंह की सहायता से की जाएगी।

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