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सूरज के सबसे करीब पहुंचा NASA का स्पेसक्रॉफ्ट:982 डिग्री तापमान में भी सुरक्षित रहा, 1 जनवरी से डेटा भेजेगा

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अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब ने 24 दिसंबर की शाम को सूरज के बेहद करीब पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया है। नासा का यह यान सूरज से करीब 61 लाख किमी की दूरी से गुजरा। ये दुनिया का पहला यान है जिसने ऐसा रिकॉर्ड बनाया है। एजेंसी ने आगे कहा कि पार्कर सोलर प्रोब यान 1 जनवरी को अपनी स्थिति और खोजों का विस्तृत डेटा भेजेगा। सूरज के पास से गुजरते समय स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 6.9 लाख किमी/घंटा से अधिक थी। उस वक्त यह यान 982 डिगी सेल्सियस गर्मी झेल रहा था। इतनी तेज गर्मी के बावजूद यान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। पार्कर सूरज के जिस बाहरी वातावरण से गुजरा उसे कोरोना कहते हैं। यह सूर्य और हमारे सौर मंडल पर इसके प्रभाव को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 27 दिसंबर को सिग्नल भेजा
नासा से मिली जानकारी के अनुसार पार्कर सोलर प्रोब ने 27 दिसंबर को धरती पर नासा के जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी टीम को सिग्नल भेजा जिससे वैज्ञानिकों को उसके सुरक्षित होने और सही से काम करने के बारे में पता चला। नासा के इस मिशन का मकसद पृथ्वी के सबसे करीबी तारे सूरज के बारे में ज्यादा जानकारी इकट्ठा करना है। यान के सूरज के बाहरी वातावरण में पहुंचने से वैज्ञानिकों को सूरज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। NASA बोला- सही तरीके से काम कर रहा है पार्कर यान टाइम्स पर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नासा ने जानकारी देते हुए कहा- ‘सूर्य के सबसे करीब पहुंचने के बाद पार्कर सोलर प्रोब ने एक बीकन टोन भेजा है जो यह दर्शाता है कि यह अच्छी स्थिति में है और सामान्य रूप से काम कर रहा है। यह हमारे लिए अच्छी खबर है क्योंकि यान खराब स्थिति में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा रहा था ’। अगर पार्कर यान 27 दिसंबर तक धरती पर सिग्नल नहीं भेजता तो नासा के लिए ये बुरी खबर मानी जाती। इस मिशन से जुड़े वैज्ञानिक नूर रवाफी ने कहा कि पार्कर ने 24 दिसंबर को जो तस्वीरें ली हैं, वो अगले साल जनवरी में नासा को मिलेंगी। इसके बाद बाकी के डेटा तब मिलेंगे जब वो सूरज से और दूर चला जाएगा। 6 साल पहले लॉन्च हुआ था पार्कर
पार्कर सोलर प्रोब को नासा ने 12 अगस्त 2018 को लॉन्च किया था। इसे सूरज के बाहरी वातावरण कोराना के नजदीक से अध्ययन करने के मकसद से लॉन्च किया गया था। इसके जरिए सोलर विन्ड्स यानी सौर हवा के सिस्टम को समझने की कोशिश की जा रही है। इसका नाम भी सोलर साइंटिस्ट यूजीन पार्कर के नाम रखा गया है। पार्कर ने ही सबसे पहले सोलर विन्ड्स के बारे में जानकारी दी थी। 2022 में यूजीन पार्कर का निधन हो गया है। पहली बार किसी वैज्ञानिक के जीवित रहते हुए उनके नाम पर अंतरिक्षयान का नाम रखा गया था। पार्कर सोलर प्रोब ने 2021 में पहली बार सूरज के नजदीक से उड़ान भरी थी। इतिहास में पहली बार कोई यान ने सूरज के इतने नजदीक से गुजरा था। इसे कुल 24 बार सूरज के नजदीक से गुजरने के लिए बनाया गया था। सूरज की गर्मी से बचाने के लिए इसे 4.5 इंच मोटे कार्बन-कंपोजिट हीट शील्ड के साथ लैस किया गया है।

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