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स्विटजरलैंड ने भारत का मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा खत्म किया:वहां भारतीय कंपनियों को 10% ज्यादा टैक्स देना होगा, नेस्ले विवाद के बाद लिया एक्शन

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स्विटजरलैंड सरकार ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया। स्विस सरकार के इस फैसले के बाद अब वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से 10% टैक्‍स ज्यादा टैक्स देना होगा। स्विटजरलैंड ने डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत भारत को MNF राष्ट्र का दर्जा दिया था। 11 दिसंबर को स्विटजरलैंड फाइनेंस डिपार्टमेंट की तरफ से कहा गया भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से उसे यह कदम उठना पड़ा है। दरअसल पिछले साल 19 अक्टूबर 2023 को भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि DTAA तब तक लागू नहीं किया जा सकता जब तक कि इसे इनकम टैक्स एक्ट के तहत अधिसूचित न किया जाए। इस फैसले का मतलब था कि नेस्ले जैसी स्विस कंपनियों को अपने लाभांश पर ज्यादा टैक्स देना होगा। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि विदेशी संस्थाओं में या उनके लिए काम करने वाली कंपनियों और व्यक्तियों को डबल टैक्स न देना पड़े। सुप्रीम कोर्ट ने इसी फैसले को पलट दिया। दोहरे टैक्स से बचाने के लिए होता है DTAA क्लियर टैक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दो देश अपने नागरिकों और कंपनियों को डबल टैक्स से बचाने के लिए आपस में डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) करते हैं। इसके तहत कंपनियों या व्यक्तियों को उनकी सेवाओं या प्रोडक्ट के लिए दो अलग देशों में टैक्स नहीं देना पड़ता। क्या होता है MFN?
UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) की एक संस्था वर्ल्ड ट्रे़ड ऑर्गनाइजेशन (WTO) है। 164 देश इसके सदस्य हैं। इसके तहत आने वाले सभी देश एक दूसरे को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा देते हैं। यह दर्जा दिए जाने के बाद बिना किसी भेदभाव के सभी देश एक दूसरे के साथ आसनी से बिजनेस कर सकते हैं।
मोस्ट फेवर्ड नेशन के फायदे को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि मान लीजिए भारत ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया। तो इसका मतलब ये है कि दोनों देश एक-दूसरे को बिजनेस में सहयोग करेंगे। क्यों और कैसे छीना जाता है MFN का दर्जा?
सामान्य तौर पर WTO के आर्टिकल 21बी के तहत कोई भी देश सुरक्षा संबधी विवादों के चलते दूसरे देश से यह दर्जा वापस ले सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसे वापस लेने के लिए कई मुख्य शर्ते पूरी करनी होती हैं। पर असल में इसे हटाने को लेकर कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। यह बात भी साफ नहीं है कि अगर कोई देश MFN का दर्जा किसी देश से छीन रहा है, तो वह WTO को सूचित करने के लिए बाध्य है या नहीं। 2019 में भारत ने पाकिस्तान से छीना था MFN का दर्जा
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 2019 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने भी पाकिस्तान से MFN का दर्जा छीन लिया था। जिसके तहत पाकिस्तान से आयात होने वाली कई चीजों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया था।
—————————————— यह खबर भी पढ़ें भारत बोला-कनाडाई मीडिया हमें बदनाम कर रहा:किसे वीजा दें, किसे नहीं, हमारा अधिकार विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा की मीडिया पर भारत को बदनाम करने के आरोप लगाए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन कनाडाई मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें दावा किया था कि भारत ने कुछ कनाडाई नागरिकों को वीजा नहीं दिया। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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