1991 बैच के आईपीएस विनय कुमार ने शुक्रवार को डीजीपी पदभार संभाल लिया। निवर्तमान डीजीपी आलोक राज से उन्होंने पदभार ग्रहण किया। पद संभालने के बाद विनय पुलिस मुख्यालय के कांफ्रेंस हॉल में मीडिया से रू-ब-रू हुए। विनय ने कहा कि नए कानून में माफियाओं व अपराध से अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने वाले कुख्यातों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है। राज्य के करीब 1400 थानेदारों को टास्क दिया है कि अगले महीने हर थानेदार कम से कम एक-एक माफिया की लिस्ट बनाएं आैर 10 दिनों के अंदर उनकी संपत्ति जब्त करें। चाहे वह माफिया बालू से जुड़ा हो, शराब से जुड़ा हो, परीक्षा से जुड़ा हो या फिर अन्य तरह के संगीन अपराध से। इन अपराधियों के संपत्ति की तकनीकी रूप से जांच होगी। अगर उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो फिर पुलिस संपत्ति को जब्त करेगी। नए डीजीपी ने सभी थानेदारों को आदेश दिया है कि माफियाओं की अवैध संपत्ति का डाटाबेस बनाएं। नसीहत भी दी… पुलिस को रोड पर दिखना होगा डीजीपी ने कहा कि पुलिस को रोड पर दिखना होगा। थानेदार हों या उससे ऊपर के अफसर सबों को अपने-अपने इलाके में गश्ती करनी होगी। जब पुलिस सड़क पर दिखेगी तो अपराधी हड़के रहेंगे। पटना समेत बिहार में अभी 2 हजार गाड़ी डायल 112 के हैं। उनसे पूछा गया कि बिहार में कंविक्शन रेट यानी सजा दिलाने की दर कम है? उसपर उन्होंने कहा कि जांच को और धारदार बनाने के लिए अभी चार एफएसएल काम कर रहे हैं। हर जिले में मोबाइल एफएसएल भी हैं। आने वाले दिनों में बिहार के सभी 9 रीजन में एफएसएल भवन बन जाएगा। इस मौके पर डीजीपी के साथ एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन, एडीजी विधि-व्यवस्था पंकज दराद आैर एडीजी सीआईडी पारसनाथ भी मौजूद रहे।”