भास्कर न्यूज। सहरसा बरियाही स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार गुप्ता की मनमानी से पूरे सिस्टम पर सवाल उठने लगा है। वह सिविल सर्जन कार्यालय के आदेश को भी नहीं मानते हें। अस्पताल परिसर स्थित आवास में डिलेवरी कराने और अस्पताल आने वाली प्रसूता के परिजन से अवैध वसूली के आरोपी नर्स को प्रभारी ने सीएस के निर्देश के बाद भी नहीं हटाया। वह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित चिकित्सक से बरियाही अस्पताल में काम लेते हैं। वह मरीज को खुद नहीं देखते हैं, स्वास्थ्य कर्मी से लोगों का इलाज करवाते हैं। बरियाही अस्पताल में प्रसव कराने के नाम पर अवैध वसूली के आरोप लग चुके हैं। बीते साल 5 जुलाई को बनगांव निवासी अनूप कुमार झा अपनी पत्नी का प्रसव कराने बरियाही अस्पताल गए तो उनसे एएनएम अनिमा दास ने 5500 रुपये की वसूली कर ली। डीएम के आदेश पर जांच हुई। जांच में आरोप सत्य साबित होने पर आरोपी नर्स ने रुपये वापस किये। सिविल सर्जन कार्यालय ने उक्त नर्स को बरियाही से हटा कर उनके मूल पदस्थापन जगह चैनपुर में तैनाती का आदेश जारी किया गया। आरोप है कि चार महीने बाद ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने उस नर्स का बरियाही में पदस्थापन करवा दिया।