‘हम ना कभी मुजफ्फरपुर से बाहर गए हैं और ना वेल्डिंग का काम छोड़कर दूसरा कोई काम किए है। आज तक कभी ट्रेन में भी नहीं चढ़े हैं। सुबह साढ़े 5 बजे पुलिस के साथ NIA की टीम आई। साढ़े तीन घंटे तक घर की तलाशी ली, लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो एक कागज पर साइन कराकर चली गई।’ यह कहना है मुजफ्फरपुर के मो. आबिद का। 28 नवंबर 2024 को NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) ने मुजफ्फरपुर के चमरउवा में छापा मारा था। इससे इलाके में हड़कंप मच गया था। आबिद ने दैनिक भास्कर को बताया- सुबह साढ़े 5 बजे तीन-चार गाड़ी से पुलिस की टीम पहुंची थी। हमको नहीं पता था कि NIA की टीम है। बाद में पता चला कि हम पर मानव तस्करी का आरोप है। ये बात भी हम पहली बार ही सुने हैं। मानव तस्करी क्या होता है। हमको पता ही नहीं। हम तो पहली बार NIA के साथ ही पटना भी गए थे। इससे पहले मुजफ्फरपुर से निकले भी नहीं थे। उसने बताया- हमने अब तक की जिंदगी में कभी कोई गलत काम नहीं किया है। लोहे की दुकान पर वेल्डिंग के अलावा पिछले 15 वर्षों से कोई काम नहीं किया है। शायद उन्हें गलत सूचना मिली होगी, इसी कारण उन्होंने मेरे घर में छापेमारी की। पुलिस के दरवाजा खटखटाने पर टूटी नींद उसने बताया- पुलिस की छापेमारी की सूचना पर आसपास के लोग भी पहुंच गए थे। बाद में सबको हटा दिया गया। पड़ोसियों ने बताया कि आबिद का कभी किसी से विवाद भी नहीं हुआ। वह काफी सीधा आदमी है। बैंक अकाउंट में मुश्किल से 500 रुपए रहा होगा आबिद ने बताया- पूरी पड़ताल के बाद NIA की टीम हमारे घर से मेरा आधार कार्ड, मोबाइल और पासबुक लेकर गई है। मेरे अकाउंट में मुश्किल से 500 रुपए होगा। इसके अलावा उन्हें उसमें कुछ नहीं मिलेगा। गांव में कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ है। आज तक किसी थाने में किसी प्रकार का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। मालिक ने कहा- 15 साल में कोई शिकायत नहीं आई आबिद पिछले 15 वर्षों से जिस वेल्डिंग की दुकान में काम कर रहा है, छापेमारी के बाद भी वो वहीं बेफिक्री से अपना काम कर रहा है। दुकान मालिक ने दैनिक भास्कर को बताया- इसकी कभी कोई शिकायत नहीं मिली। वो समय से अपना काम पूरा कर घर जाता है। कभी लड़ाई-झगड़ा में भी नहीं पड़ा है। आबिद के छोटे भाई जाहिद ने बताया- NIA की टीम ह्यूमन तस्करी की जांच करने पहुंची थी। जबकि, आबिद पूरी तरह अंगूठा छाप है। वो गांव से बाहर कभी गया ही नहीं है, विदेश क्या जाएगा। उनके कोई संबंधी भी विदेश में नहीं रहते हैं। गोपालगंज में मानव तस्करी के आरोप में 7 घंटे छापेमारी, सिर्फ कागज मिले गोपालगंज के आर्य नगर में रहने वाले सुनील कुमार ट्रैवल एजेंट हैं। शहर के सिनेमा रोड में अरबियन टूर एंड ट्रैवल के नाम से वे अपनी एजेंसी चलाते हैं। 28 नवंबर को इस इलाके में सनसनी तब मच गई, जब NIA की टीम ने अचानक इनके घर और ऑफिस में छानबीन शुरू की थी। सुनील बताते हैं- NIA की टीम ने एक साथ उनके घर और दफ्तर पर दबिश दी। लगभग 7 घंटे तक वे तलाशी लिए। इस दौरान उन्हें जितने प्रकार के कागजात मिले वे अपने साथ लेकर चले गए। 9 दिसंबर को उन्हें पूछताछ के लिए NIA के पटना ऑफिस में बुलाया गया। यहां उन्हें कुछ बेसिक सवाल-जवाब के बाद छोड़ दिया गया। सुनील बताते हैं कि NIA की टीम की तरफ से उनसे नाम, काम के अलावा पूछा गया कि अब तक वे कितने लोगों का टिकट बना चुके हैं? सुनील ने बताया- जो भी उनके पास टिकट बनाने आएगा उनका टिकट वे बनाएंगे। यही उनका पेशा है। उस टिकट पर कौन क्या कर रहा है, मुझे क्या मालूम है। जो पैसा देगा मैं उसका टिकट बनाउंगा। सुनील के यहां क्यों पड़ा छापा दरअसल, हथुआ के रहने वाले शुभम कुमार को कंबोडिया में बेच दिया गया था। शुभम का टिकट अरबियन टूर एंड ट्रेवल्स से ही बुक कराया गया था। अब NIA को इस बात का शक है कि मानव तस्करी के इस गिरोह में सुनील कुमार की भी मिलीभगत है। हालांकि, सुनील इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं। एक्सपर्ट ने कहा- स्टेट पुलिस के इनपुट पर काम करती है NIA बिहार कैडर के रिटायर्ड IPS ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया- NIA अगर कहीं रेड करती है तो इसकी एक प्रक्रिया है। राज्य की पुलिस उसको केस हैंडओवर करती है। इसके बाद NIA इस पर अपना इनपुट जुटाने के बाद रेड करती है। NIA उन्हीं व्यक्ति या संस्थान पर रेड करती हैं, जिन पर देश विरोधी और आतंकी एक्टिविटी में शामिल होने का शक होता है। ग्रॉफिक्स के जरिए जानिए, NIA वाले 5 शहरों में क्या हुआ… NIA चीफ और उसके कार्यों को जानिए… इनपुट: विवेक कुमार, अमरजीत सिंह, अटल बिहारी पांडेय, भरत चौबे। ——————————– ये भी पढ़ें पूर्व MLC मनोरमा देवी के घर मिले 4.3 करोड़ कैश:NIA ने 19 घंटे तक की छापेमारी, हथियार भी जब्त; बोलीं- बैंक से लोन लिया था गया में पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के घर में 19 घंटे तक एनआईए की छापेमारी चली। शुक्रवार सुबह 5 बजे टीम आई थी और रात 12 बजे घर से निकली है। टीम अपने साथ 4.03 करोड़ से अधिक कैश, कारोबार से जुड़े के कागजात और निजी गार्ड के हथियार जब्त कर पटना ले गई। कैश गिनने के लिए एसबीआई शाखा से दो मशीनें मंगवाई गई थीं। पूरी खबर पढ़ें