छठी झारखंड विधानसभा का पहला बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 27 मार्च तक चलेगा। झारखंड का बजट 3 मार्च को सदन पटल पर रखा जाएगा। इस बार भी विधानसभा का बजट सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के चलेगा। दरअसल, अभी तब नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं हो सका है। इधर, बजट सत्र को लेकर विधानसभा से लेकर प्रशासनिक स्तर की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बजट सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने रणनीति तय की हैं। प्रशासनिक स्तर की तैयारियों की बात करें तो 24 फरवरी से 27 मार्च तक चलने वाले सत्र के लिए जिला प्रशासन ने विधानसभा परिसर के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा (धारा-163) लगा दिया है। जुलूस, रैली, प्रदर्शन, घेराव आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। निषेधाज्ञा 24 फरवरी सुबह 8 से 27 मार्च रात 10 बजे तक लागू रहेगा। पेपर लीक और JPSC पर सरकार को घेरने की तैयारी बजट सत्र में भले ही बगैर नेता प्रतिपक्ष के भाजपा शामिल होगी, पर सरकार को घेरेगी। जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने, मैट्रिक परीक्षा के पेपर लीक होने समेत कई विषयों पर भाजपा राज्य सरकार पर वार करेगी। इसके लिए रविवार को विधायक दल की प्रदेश कार्यालय में बैठक कर पुख्ता रणनीति बनाई गई है। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत सभी विधायक सहित पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहे। बताते चले कि भाजपा ने अब तक नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक और सचेतक का चयन नहीं किया है। शनिवार को स्पीकर के चेंबर में हुई सर्वदलीय बैठक में भी भाजपा शामिल नहीं हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत बजट सत्र के लिए तय कार्यक्रम के तहत 25 फरवरी को पहली पारी में प्रश्नकाल और दूसरी पारी में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि होने के कारण बैठक नहीं होगी। जबकि, 27 फरवरी को वर्ष 2024-25 का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। वहीं, दूसरी पारी में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद के बाद सरकार का उत्तर और मतदान का कार्यक्रम तय है। 3 मार्च को वर्ष 2025-26 का बजट होगा पेश सदन की कार्यवाही जारी रहते हुए 28 फरवरी को तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और विनियोग विधेयक को पारित कराया जाएगा। 1 मार्च को शनिवार और 2 मार्च को रविवार होने के कारण बैठक नहीं होगी। 3 मार्च को वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। जबकि, 4 मार्च को बजट पर सामान्य वाद-विवाद में पक्ष-विपक्ष के सदस्य अपनी बातों को रखेंगे। 5, 6 और 7 मार्च को विभिन्न विभागों की अनुदान मांग पर चर्चा होगी। 8 और 9 मार्च को शनिवार और रविवार रहने के कारण बैठक नहीं होगी। 10 और 11 मार्च को भी अनुदान मांग पर चर्चा होगी। इसके बाद 12 से 16 मार्च तक होली और अन्य अवकाश के कारण सदन स्थगित रहेगी। 17 से 21 मार्च के बीच भी विभिन्न विभागों की अनुदान मांग पर चर्चा होगी।
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