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इंटर एजी के छात्रों को पढ़ाएंगे बीएयू के वैज्ञानिक

सूबे में आईएससी कृषि के 1520 छात्रों को बीएयू पढ़ाई कराएगा। प्रत्येक वर्ष राज्य के हर जिले के एक हाईस्कूल में 40 छात्रों का नामांकन लिया जाता है। शिक्षक नहीं होने के कारण बिना पढ़ाई किये छात्र आईएससी कृषि पास हो जाते हैं। बीएयू राज्य के सभी चयनित हाई स्कूल के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ार्ई कराएगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। छात्रों को इंटर्नशिप करने का मौका भी दिया जाएगा। आईएससी कृषि के छात्रों के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत सीट रिर्जव रखा जाता है। राज्य में कृषि सेक्टर की बढ़ती संभावना को देखते हुए वर्ष 2015 में कृषि शिक्षा को विस्तार देने की राज्य सरकार ने योजना बनाई थी। इसमें बिहार के प्रत्येक जिले में आईएससी एजी की पढ़ाई शुरू की गयी थी। सभी जिले में एक-एक प्लस टू स्कूलों में पढ़ाई शुरू की गयी थी। पिछले नौ वर्ष से किसी भी स्कूल में एग्रीकल्चर के एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं। 2023 में शिक्षा विभाग ने एग्रीकल्चर के शिक्षकों के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजा था। जिले के हाईस्कूल तुलसीपुर की प्राचार्य मधु कुमारी ने कहा कि हमारे यहां प्रत्येक वर्ष 40 छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जाता है। पर शिक्षक नहीं हैं। जीव विज्ञान के शिक्षक ही समय मिलने पर क्लास लेते हैं। तुलसीपुर हाई स्कूल के छात्रों ने बताया कि हमारे सीनियर भी ऐसे ही पास किये थे। यहां किसी प्रकार की सुविधा नहीं है। बाजार में सभी विषय की किताबें नहीं मिलती है। लाइब्रेरी में एग्रीकल्चर के पाठक्रम के अनुसार किताब नहीं है। इंटरनेट से विषयों की पढ़ाई कर परीक्षा पास करते हैं। हमलोगों को प्रोजेक्ट वर्क है जो कि शिक्षक के अभाव में नहीं हो पाता है। ^हमारा मकसद है कि अधिक से अधिक छात्र कृषि सेक्टर में आए। राज्य के हाई स्कूलों में छात्रों को अब कृषि वैज्ञानिक ऑनलाइन पढ़ाई कराएंगे। इसका प्रस्ताव शिक्षा विभाग को भेज दिया गया है। – डॉ. डीआर सिंह, कुलपति, बीएयू

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