बिहार के पटना में अटल जयंती समारोह में महात्मा गांधी के भजन रघुपति राघव राज राम…को लेकर हंगामा हो गया था। भजन गायिका देवी को माफी मांगनी पड़ी। जय श्रीराम के नारे लगाने पड़े, तब जाकर मामला शांत हुआ और कार्यक्रम दोबारा शुरू हुआ। उधर, इस घटना पर आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि गांधी जी का भजन गाया तो नीतीश कुमार के भाजपाई साथियों ने हंगामा कर दिया। ओछी समझ के लोगों की भावनाएं आहत हो गईं।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने 25 दिसंबर को पटना के बापू सभागार में ‘मैं अटल रहूंगा’ कार्यक्रम आयोजित किया था। गायिका देवी ने जैसे ही ‘ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम’ गाया, लोग नाराज हो गए विरोध करने वालों ने अपनी छोटी सोच का परिचय दिया विवाद के बाद सिंगर देवी ने दैनिक भास्कर से कहा- ये विवाद अनएक्सपेक्टेड था। ये गांधी जी का प्रिय भजन है। सम्मान के बाद सभी ने गीत गाने के लिए कहा। विवाद के बाद मंच पर मौजूद लोग भी समझ नहीं पाए कि ये क्या हो रहा है। बाद में पता चला कि अल्लाह के नाम पर वे लोग भड़क गए। जबकि मंच पर शाहनबाज हुसैन भी मौजूद थे। इसमें विवाद का कोई पॉइंट ही नहीं था। मुझे लगा कि किसी को मेरी कोई बात तो बुरी नहीं लग गई। इसीलिए मैंने माफी भी मांगी। इस गाने पर विवाद हो सकता है समझ ही नहीं आया। माफी मांगने के लिए कोई दबाव नहीं बनाया गया। आयोजक भाजपा नेता अश्विनी चौबे भी घबरा गए थे। विरोध करने वालों ने अपनी छोटी सोच का परिचय दिया है। -देवी, लोकगायिका कार्यक्रम में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, डॉ. सीपी ठाकुर, शाहनवाज हुसैन, दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर, भाजपा नेता संजय पासवान आदि मौजूद थे। बीजेपी के लोग महापुरुषों को बार-बार अपमानित करते हैं: प्रियंका प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडियो X पर करते हुए लिखा- बापू का प्रिय भजन गाने पर भाजपा नेताओं ने लोकगायिका देवी जी को माफी मांगने पर मजबूर किया। “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम” उनसे नहीं सुना गया। दुनिया को दिखाने के लिए बापू को फूल चढ़ाते हैं, लेकिन असल में उनके प्रति कोई आदर नहीं है। दिखावे के लिए बाबासाहेब अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन असल में उनका अपमान करते हैं। भाजपा को हमारी सहिष्णु और समावेशी संस्कृति-परंपरा से इतनी नफरत है कि वे हमारे महापुरुषों को बार-बार अपमानित करते हैं। रघुपति राघव राजाराम… भजन में गांधी जी ने किया था बदलाव रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।।
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम। सब को सन्मति दे भगवान।। ….ये महात्मा गांधी का प्रिय भजन था। वे इसे अक्सर गाया करते थे। ऐसा कहा जाता है कि यह भजन बहुत पुराना है। गांधीजी ने इसके मूल रूप में बदलाव किया था। 17वीं सदी में कवि और संत स्वामी रामदास ने इसे लिखा था। एक थ्योरी यह भी है कि इस भजन को श्री लक्ष्मणाचार्य ने लिखा था। इसे उनके ‘श्री नमः रामनायनम” नामक ग्रंथ से लिया गया है जो इस प्रकार है। रघुपति राघव राजाराम। पतित पावन सीताराम।।
सुंदर विग्रह मेघाश्याम। गंगा तुलसी शालीग्राम।।
भद्रगिरीश्वर सीताराम। भगत-जनप्रिय सीताराम।।
जानकीरमणा सीताराम। जय जय राघव सीताराम।। ———————— गांधी जी से जुड़ी इस खबर को भी पढ़िए… ‘सत्याग्रह नहीं, हथियार देखकर भागे अंग्रेज’:बिहार के राज्यपाल बोले- समय आ गया सही इतिहास लिखा जाए, RJD बोली- गांधी के विचार खत्म करना चाहती है भाजपा बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि ‘ब्रिटिश शासकों ने सत्याग्रह के कारण नहीं, बल्कि भारतीयों के हाथों में हथियार देख कर भारत छोड़ा था। उन्हें एहसास हो गया था कि भारत के लोग आजादी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’ 20 दिसंबर को गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बयान दिया है। पूरी खबर पढ़े