मुजफ्फरपुर में मंगलवार से निबंधन कार्यलय में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से जमीन की खरीद-बिक्री शुरू हो गई है। मंगलवार के दिन से अब रजिस्ट्री के लिए लोग खुद ऑनलाइन अप्वॉइंटमेंट लिया करेंगे। जिसे लेकर निबंधन विभाग की तरफ से 60-90 का स्लॉट प्रतिदिन तय किया गया है। पहले, सामान्य तरीके से रजिस्ट्री के लिए एक दिन में 238 का स्लॉट तय था। ई- निबंधक सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी बीते 2 दिनों से ट्रायल कर रहे थे। सिस्टम अपडेट कराने के साथ कातिब से लेकर कर्मियों तक को ट्रेनिंग दी जा रही थी। भौतिक सत्यापन ऑफिस के कर्मचारी और अधिकारी से कराना अनिवार्य दूसरी तरफ, ई-निबंधन सॉफ्टवेयर से रजिस्ट्री से पहले अब जमीन के क्रेता और विक्रेता को रजिस्ट्री होनी वाली जमीन का भौतिक सत्यापन ऑफिस के कर्मचारी और अधिकारी से कराना अनिवार्य होगा। इसके बिना रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होगी,अभी डीड़ राइटर जिसे कातिब कहते है, इनसे जमीन कि रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेज तैयार करते थे, जिसे रजिस्ट्री ऑफिस में दखिल किया जाता था। इसके बाद पूरी जानकारी ऑफिस में तैनात स्टाफ भरते थे। अब ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पब्लिक को खुद घर से या फिर साइबर कैफे में जाकर खरीद-बिक्री होने वाली जमीन की पूरी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होगी, ऑफिस के अधिकारी और कर्मियों की इसमें कोई भूमिका डायरेक्ट रूप में नहीं रहेगी। जल्दबाजी में अगर कोई रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो यह भी संभव नहीं होगा। रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा खत्म होगा जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने बताया कि नई रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जमीन की बिक्री करने वाले व्यक्ति का आधार सत्यापन जरूरी होगी, जैसे बैंक से ई-केवाईसी होता है। ठीक उसी प्रकार अंगूठा का निशान लेकर आधार नंबर का सत्यापन होगा, बिना स्त्यापन अगर ऑफिस चाहेगा, तो ई-निबंधन सॉफ्टवेयर प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देगा। इससे रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े पर ब्रेक लगेगा। साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस में लगने वाली भीड़ पर भी लगाम लगेगी।