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ओटीटी पर दिखेगी संजीव डोम की संघर्ष की कहानी, खुद बयां करेंगे

संजीव डोम अब किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उनको यह मुकाम यूं ही हासिल नहीं हुआ है। पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक परेशानी को झेलते हुए ऐसे वर्ग के लिए काम कर रहे हैं, जिनको देखना तो दूर पर उनकी बात तक लोग करना नहीं चाहते हैं। पर अब उनकी यही संघर्ष की कहानी बहुत जल्द सबके सामने आने वाली है। ओटीटी पर वह खुद अपनी कहानी बताएंगे। संजीव बतलाते हैं कि बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म डायरेक्टर नितिन चंद्रा निर्देशित वेब सीरीज बेजोड़ टॉक में दिखेंगे। यह वेब सीरीज बिहार के सामाजिक मुद्दों पर आधारित एपिसोड है। 19 जनवरी को पहली शूटिंग समाप्त हो चुकी है। एक ओर शूटिंग के बाद यह एपिसोड बेजोड़ के प्लेटफार्म, बेजोड़ ओटीटी और अलग-अलग चैनलों पर प्रसारित होगा। इस वेब सीरीज में मेरी पूरी कहानी है। शुरुआत से लेकर अब तक की जर्नी को बखूबी दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैसे मैंने शुरुआत की। मेरे संघर्षों का दौर कैसा रहा। यातनाओं से गुजरा और फिर यहां तक कैसे पहुंचा। इन्हीं पर ये वेब सीरीज है। उन्होंने कहा कि जब मैं खुद की कहानी रिकॉर्ड कर रहा था, ऐसा लग रहा था मेरे 20 साल का संघर्ष मेरी आंखों के सामने से गुजर गया। मैं इसके लिए नितिन चंद्रा सर को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मुझे इसके लिए चुना है। आधे घंटे का रहेगा एपिसोड संजीव बतलाते हैं कि यह एपिसोड आधे घंटे का रहेगा। 2005 से परबत्ता से मेरी संघर्ष शुरू हुई थी। इसको ओटीटी पर बतलाया जाएगा। इन 20 सालों में मैंने बहुत कुछ झेला है। इसको फिल्म निर्देशक नितिन चंद्रा ने बखूबी दर्शाया है। चूंकि मैंने मॉडलिंग की दुनिया को छोड़कर इस रास्ते को चुना है। चकाचौंध वाली जिंदगी से ठीक उलट वैसी लोगों के लिए काम करना काफी मुश्किल होता है। इसी संघर्ष को इस एपिसोड के जरिए दिखाया जाएगा। इस दौरान मेरी निजी जिंदगी पर काफी असर पड़ा, पारिवारिक और आर्थिक परेशानी को झेला। पर मेरा हौंसला और काम करने का जुनून कभी कम नहीं हुआ। मैं दोगुने उत्साह से काम करता गया। संजीव डोम बतलाते हैं कि पिछले एक साल से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। हमारे समाज में कैसे अनसंग हीरोज काम करते हैं, इससे लोग वाकिफ होंगे। कैसे बिना किसी सहायता और सुख की कल्पना किए कोई भी सामाजिक लोग काम करता है, इससे लोग वाकिफ होंगे। बेजोड़ टॉक में ऐसे 30 से अधिक लोगों की कहानी दिखाई जाएगी। उसमें से एक मेरी भी कहानी शामिल है। लोग इस साल मई-जून तक बेजोड़ ओटीटी प्लेटफॉर्म इसको देखेंगे। संजीव बतलाते हैं कि मेरा संघर्ष अब तक जारी है। शादी हुई पर पत्नी और बच्चे साथ नहीं हैं। मेरे चचेरे भाई की मौत का इल्जाम मेरे सिर पर डाला गया था। ताकि मैं यहां से डर के भाग जाऊं और यह काम नहीं करूं। लेकिन मेरी मां ने मुझे बहुत हिम्मत दी। कहा काम करना है करो, लेकिन कहीं बाहर रहकर। काफी मानसिक प्रताड़ना मिली। नक्सली उठाकर ले गए। काफी पिटाई की। नक्सली की थ्रेटनिंग अभी भी रहती है। फिर जो हमारे काम को नहीं समझ पाते हैं, उनकी धमकियां कई बार मिलती हैं। मेरे ऊपर गोली भी चली। आप समाज में बदलाव करने आए हैं तो जरूरी नहीं है कि हर कोई आपको एप्रिशिएट करें। अबतक कई मैगजिन और डॉक्यूमेंट्री फिल्म बन चुकी है। कई बड़े चैनल और प्रख्यात निर्माता और निर्देशक प्रकाश झा सर ने भी मेरी संघर्ष पर डोक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है। आमिर प्रोडक्शन में टीवी का फेमस शो सत्यमेव जयते मेरी कहानी 2012 में पहले सीजन दिखाई गई थी। संजीव आगे बतलाते हैं कि 2006 के बाद से डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनी है। प्रकाश झा सर ने 2013 में और इसके बाद सीएनएन, बीबीसी और न्यूज 18 में मेरी संघर्ष की कहानी को दिखाया है।

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