औरंगाबाद के टण्डवां के पुनपुन नदी के तट पर दो दिवसीय पुनपुन महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव का उद्घाटन सूचना प्रौद्योगिकी, लघु जल संसाधन और आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. सुमन ने पुनपुन नदी के पौराणिक महत्ता पर प्रकाश डाला। जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुसार महोत्सव की राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने और नदी को अतिक्रमण मुक्त कर नमामि गंगे की तर्ज पर साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। उन्होंने पुनपुन नदी के उद्गम स्थल को स्टेट हाईवे से जोड़ने की बात कही। लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष होते हैं और दोनों ही सरकार के अंग होते हैं। यहां की जनता और विधायक की प्रयास से पुनपुन महोत्सव की शुरुआत हुई है। पुनपुन नदी को मोक्ष दायिनी भी कहते लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि मान्यता है कि फल्गु नदी में पिंडदान करने से पहले पुनपुन नदी में लोग पिंडदान करते हैं। इसलिए पुनपुन नदी को मोक्ष दायिनी भी कहते हैं। भगवान ने धरोहर जो हमें दिया है उसे सजाने और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम लोगों की है। आज पुनपुन नदी को भी सुरक्षित रखने और स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हम लोगों की है। स्वच्छता के प्रति सिर्फ जिला प्रशासन के पदाधिकारी के सोचने और कार्य करने से नहीं होगा, इसके लिए सभी को आगे आना होगा। सरकार ने पुनपुन महोत्सव का आयोजन किया है। मंत्री ने बताया कि मेरे विभाग से पूरे जिले में 153 योजनाएं लगभग 250 करोड़ की योजनाएं धरातल पर औरंगाबाद में है। सिर्फ कुटुंबा विधानसभा में 40 योजनाएं के तहत कार्य हो रही है।