पटना पुलिस ने क्राइम ब्रांच के अधिकारी के नाम पर डरा-धमकाकर गहने, रुपए ठगने वाले ईरानी गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एक का नाम रहमुतुल्ला सैफउल्ला जाफरी उर्फ रहमत अली (40) है, तो वहीं दूसरे का नाम मासूम अली (31) है। दोनों भोपाल (मध्य प्रदेश) के निशादपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अमन कॉलोनी के रहने वाले हैं। इस गैंग में इनके अलावा 3 और भी लोग हैं, जो फरार हैं। पटना पुलिस इनकी तलाश कर रही है। गैंग के सभी मेंबर सुनियोजित तरीके से क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं। दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि सिटी एसपी सेंट्रल स्वीटी सहरावत ने की है। सिटी एसपी सेंट्रल स्वीटी सहरावत ने बताया, ‘पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। साथ अन्य सदस्यों की भी तलाशी की जा रही है। फिलहाल दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस को देखते ही भागने लगे 4 लोग, दो गिरफ्तार पटना के गांधी मैदान थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित IMA हॉल के पास मंगलवार दोपहर 1 बजे दो बाइक पर चार लोग मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक, वे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। इसी दौरान पुलिस की प्रेट्रोलिंग टीम वहां से गुजर रही थी। पुलिस की गाड़ी देखते ही चारों भागने लगे। दोनों बाइक अलग-अलग दिशा में भागी। पुलिस ने एक बाइक का पीछा करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को थाने लाया गया, जहां उनसे पूछताछ हुई। पूछताछ के दौरान मुख्य सरगना रहमत अली के पास से मध्य प्रदेश पुलिस का ID कार्ड मिला। आई कार्ड पर लिखा था- RNI 64911/96, पुलिस मित्र, नाम- निशार अली, पता- हुसैनी कॉलोनी, भानपुरा, विदिशा रोड, भोपाल (MP)। दोनों ने पुलिस को बताया कि वो लोगों को क्राइम ब्रांच के अधिकारी के नाम पर डरा-धमकाकर गहने और रुपए ठगते थे। दो पुलिसकर्मी और दो अधिकारी बनकर करते थे ठगी पुलिस की पूछताछ में दो अपराधियों ने बताया कि उसके गैंग के सदस्य चौक चौराहों पर खड़े हो जाते थे। इनमें दो पुलिसकर्मी बनता था और दो पुलिस अधिकारी। अधिकारी बनकर दो लोग गाड़ी में ही रहते थे, जबकि दो बाइक चेकिंग करते थे। चेकिंग के दौरान दोनों ऐसे महिला और पुरुष को टारगेट करते, जो ज्यादा गहने पहने होते थे। चेकिंग के दौरान दोनों पहले बाइक रुकवाते थे, फिर पुलिस की फर्जी आई कार्ड दिखाकर पूछताछ करते थे। गैंग के मेंबर अलग-अलग तरीके से लोगों को डराते थे। कभी कहते थे कि आगे छिनतई की घटना हुई है। पुलिस चेक कर रही है। गहना, पैसे वगैरह सब उतारकर रख लेना है। खुद से उतारने भी लगते थे। जिनका गहना चेकिंग के नाम पर उतरवाते थे, उनके गहने को झोले या पोटली में रखवा देते थे। फिर कहते थे- घर पर जाकर खोलना, अभी मत खोलना। घर पर जाकर खोलने पर उसमें कुछ नहीं रहता था। या डुप्लीकेट रहता था। ठगी के बाद सभी मेंबर्स बराबर-बराबर हिस्से में पैसा-गहना बांट लेते थे। वेद विद्यालय के आचार्य से हुई थी ठगी मई 2024 में कोतवाली थाना क्षेत्र के वेद विद्यालय के आचार्य अक्षय तिवारी से भी चेकिंग के नाम पर इसी तरह से गहने उतरवा लिए थे। उनसे कहा था कि आगे देर रात मर्डर हुआ है। पुलिस चेकिंग चल रही है। गहने-वगैरह इतना पहनकर नहीं चलना है। इसके बाद खुद से उतारकर एक झोले में रखकर उन्हें गहने दे दिया। जब स्कूल पहुंचकर उन्होंने झोले से गहना निकाला तो सभी गहने डुप्लीकेट थे। फिर अक्षय तिवारी ने थाने ने शिकायत दर्ज कराई। दो-तीन घटना के बाद बदल देते थे ठिकाना गैंग के सदस्य एक शहर में 2 से 3 घटना को अंजाम देने के बाद शहर बदल देते थे। फिर दूसरे शहर में जाकर इसी तरह से घटना को अंजाम देते थे। अब तक यह गैंग बेंगलुरु, कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुरुग्राम, हरियाणा, बहराइच, उतर प्रदेश, पटना, कदमकुआं, CDA बिल्डिंग, पटना के इलाके में घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इनामी बदमाश है रहमत अली रहमुतुल्ला सैफउल्ला जाफरी उर्फ रहमत अली इनामी बदमाश है। सहारनपुर, उतर प्रदेश की पुलिस इस पर 15 हजार रुपए का इनाम रखी है। 2023 के जुलाई महीने में दरगाह शरीफ थाने के बहराइच जनपद, उतर प्रदेश के अग्रसेन तिराहा के पास साढ़े सात लाख की लूट में भी शामिल था। 2013-14 में बेंगलुरु शहर में इसी तरह की घटना को अंजाम देने में जेल गया था। इसके अलावा कोलकाता, मुंबई, लखनऊ, दिल्ली में भी जेल जा चुका है। फिलहाल जमानत पर है। जेल से निकलने के बाद फिर से रहमत अली अपने धंधे में सक्रिय था। कैसे बना ईरानी गैंग रहमुतुल्ला सैफउल्ला जाफरी उर्फ रहमत अली अपने भाई के साथ चश्मे का व्यापार करता था। काफी दिनों तक अच्छे से व्यापार किया, लेकिन बाद में वो अपने 5 दोस्तों के साथ मिलकर एक गैंग बना लिया। इसका नाम इन लोगों ने ईरानी गैंग रखा।