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गया में पूर्वजों की आत्मा मुक्ति की कामना:कर्मा मंदिर में विशेष तांत्रिक पूजा आयोजित, अमेरिका-यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया से पहुंचे श्रद्धालु

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विशेष तांत्रिक पूजा का बौद्ध धर्म में महत्व: बोधगया में 17वें करमापा की अगुवाई में आयोजन, सैकड़ों श्रद्धालु हुए शामिल बोधगया के कर्मा मंदिर में विशेष तांत्रिक पूजा का आयोजन किया गया। नेतृत्व तिब्बती आध्यात्मिक गुरु 17वें करमापा थायो थिनले दोरजे ने किया। पूजा में अमेरिका, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए थे। बौद्ध भिक्षु शामिल हुए। तांत्रिक पूजा का विशेष आयोजन बौद्ध धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है। कर्मा मंदिर के प्रवक्ता के अनुसार, यह पूजा मुख्य रूप से आत्माओं की शांति और कल्याण के लिए की जाती है। इसमें बौद्ध भिक्षु अपने परिजनों और दिवंगत आत्माओं के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करते हैं। कहा जाता है कि इन अनुष्ठानों से आत्माओं को मुक्ति और शांति प्राप्त होती है। पूजा साल में एक बार आयोजित की जाती 17वें करमापा थायो थिनले दोरजे को तिब्बती बौद्ध धर्म के कग्यू परंपरा का प्रमुख माना जाता है। उनकी उपस्थिति में यह आयोजन और भी खास बन गया। पूजा के दौरान पारंपरिक मंत्रोच्चार, ध्यान और विशेष अनुष्ठान किए गए। आयोजकों का कहना है कि इस तरह की पूजा साल में एक बार आयोजित की जाती है, जिसमें दुनिया भर से श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। बौद्ध धर्म में तांत्रिक पूजा का महत्व इस बात से जुड़ा है कि यह आत्माओं की शुद्धि और उनकी मोक्ष यात्रा को सुगम बनाती है। विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों के माध्यम से बौद्ध भिक्षु दिव्य शक्तियों को आमंत्रित करते हैं। यह प्रक्रिया न केवल आत्मिक संतुष्टि देती है, बल्कि जीवन और मृत्यु के चक्र को समझने में भी मदद करती है।

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