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गिरिडीह के बेलाटांड़ में जंगली हाथियों का आतंक:ग्रामीण को सूढ़ से पटकर ले ली जान, अनाज भी खाया, घर भी तोड़ते गए‎

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मधुबन थाना इलाके में अतकी‎ पंचायत के बेलाटांड़ गांव में हाथियों के झुंड ने ‎जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने रात‎ करीब 3 बजे सिकरा हेम्ब्रम‎(59) के घर पर हमला ‎कर दिया। घर में सो रहे सिकरा‎ हेम्ब्रम के परिवार वाले किसी तरह‎ भाग निकले, जबकि सिकरा वहीं‎ फंस गया। भागने के क्रम में ‎हाथियों ने सुंड से खींचकर सिकरा‎ को पटकर कर मार डाला। इसके ‎बाद घर के अंदर रखे अनाज को ‎भी नष्ट कर दिया। ग्रामीणों में दिखा आक्रोश, जताई नाराजगी घटना को अंजाम देने के बाद ‎हाथियों का झ़ुंड वहां से बनासो‎वनपुरा की ओर निकल गया। सुबह ‎में जब घटना की सूचना मिली तो ‎‎मधुबन थाना प्रभारी जगरनाथ पान ‎‎घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के ‎‎परिजन से घटना की जानकारी ली। ‎‎साथ ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की बात कही। लेकिन ‎ग्रामीण उग्र हो गए। वन विभाग को घटना का जिम्मेवार ठहराते हुए ‎‎कहा कि जब तक वन विभाग के ‎‎अधिकारी मुआवजा का भुगतान‎ नहीं करेंगे, शव नहीं ले जाने देंगे। बाद में मुआवजा ‎‎की कुछ नकदी राशि व शेष का‎ जल्द ही भुगतान का आश्वासन‎ मिलने के बाद परिजनों ने शव को ‎‎पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।‎ परिजनों को मिला 40 हजार‎ वन विभाग के ​कर्मी व डुमरी की पूर्व विधायक बेबी देवी ने घटनास्थल ‎पहुंचकर मृतक के परिजनों का ढांढस बंधाया। इस बीच वन विभाग के कर्मी‎भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि हाथी से मारे जाने पर चार लाख मुआवजा दिए‎ जाने का प्रावधान है। अभी 40 हजार रुपए तत्काल मृतक के परिजन को दिया‎ जा रहा है। बकाया 3 लाख 60 हजार रुपए विभागीय प्रक्रिया के पूरा होते ही‎ आश्रित के बैंक में भेजी जाएगी। बेबी देवी ने वन विभाग के अधिकारियों को ‎हाथी के आतंक से क्षेत्र की जनता को निजात दिलाने का रास्ता निकालने की‎ बात कहीं, ताकि दहशत में जीवन गुजार रहे लोगों को राहत मिल सके।‎ गांव से दूर सुनसान स्थान पर है सिकरा का घर‎ बेलाटांड़ गांव से दूर सुनसान स्थान पर सिकरा हेम्ब्रम का घर है। इस बीच‎ घनी आबादी में हाथियों का झ़ुंड नहीं जाकर सुनसान स्थान के घर को‎ निशाना बनाया। हाथी घर को पीछे से उसे तोड़ रहे थे, ताकि अनाज को‎ निकाल सकें, लेकिन घर के एक हिस्से के टूटने की आवाज सुनते ही ‎उसकी पत्नी और बच्चे दरवाजा खोलकर सीधे बाहर भाग निकले। सूंड से लपेट कर पटक दिया सिकरा भागने के क्रम में हाथियों के सामने चला गया। इस बीच एक हाथी ‎ने उसे अपनी सूंड से दबोच लिया और जमीन पर पटक दिया। इसके बाद ‎पैर से उसे कुचल डाला। घटना को अंजाम देने के बाद हाथी करीब 20 मिनट तक वहीं रहे। वे घर का सारा अनाज खाया और दीवार को ढाहते हुए निकल गए। चार साल से प्रस्ताव पर ही अटका एलीफेंट कॉरिडोर गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल में पारसनाथ ‎पहाड़ के साथ डुमरी और गिरिडीह वन ‎क्षेत्र के एक जंगल का हिस्सा आता है। ‎जिसमें तीन कॉरिडोर बनाए जाने का‎ प्रस्ताव है। जहां पर हाथियों के रहने और‎ उनके भोजन और पानी की उचित‎ व्यवस्था रहेगी। इस बीच एक रेलवे लाइन ‎भी है। जिसमें पहले कॉरिडोर में‎ जीतकुंडी, नारायणपुर, अटकी और ‎कुंडको। दूसरे कॉरिडोर में पारसबनी,‎जंगो, देवाडीह, नुरंगो, केशोडीह और‎ तीसरे कॉरिडोर में हजारीबाद, जशपुर,‎जीतपुर, पांडेयडीह और विशुनपुर आदि‎ गांवों को शामिल किया गया है।‎ लेकिन यह कॉरिडोर 2020 से ही प्रस्ताव तक ही सिमटा हुआ है।

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