गेहूं की फसल की बुआई का सीजन शुरू हो गया है। जिसको लेकर किसान खेत तैयार कर रहे हैं। लेकिन खाद और बीज की किल्लत से किसान परेशान हैं। मुजफ्फरपुर में किसानों ने बताया कि उन्हें ब्लैक से खाद खरीदना पड़ रहा है। किसान कृषि विभाग के अधिकारियों के लाल फीता शाही से काफी परेशान हैं। राघोपुर के किसान उमा शंकर राय ने बताया कि किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी बुवाई के समय महंगे बीज और फसलों में डालने के लिए डीएपी और खाद की आती है। सहकारी से नियमों के तहत खाद मिलती है। किसान को अच्छी क्वालिटी के बीच और खाद की जरूरत होती है तो महंगे दामों से बाजार से खरीद करनी पड़ती है। जिसकी वजह से किसानों को काफी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। सहकारी दर 40 किलोग्राम का 940 रुपए तय है पर बाजार में 2000 रुपए प्रति बोरा खरीदने को किसान मजबूर है। किसानों कि इस परेशानी कि जानकारी सरकार को भी है। महंगा बीज खरीदने पर मजबूर किसान मुशहरी के किसान अंकित सिंह ने बताया कि बीज तो समय से मिलता ही नहीं। इसलिए महंगा खरीदारी करना पड़ता है। अब खेत तैयार है और बीज नहीं मिल रहा है। मजबूरी में महंगा बीज खरीदना पड़ता है। नहीं तो खेत से हाल सुख जाएगा। 20 सूत्री सदस्य सह जदयू नेता सुबोध कुमार सिंह ने का कि उन्हें भी खाद बीज की काला बाजारी की जानकारी मिली है। सरकार को अवगत कराने के बाद जिलाधिकारी के संज्ञान में मामले को लाने के लिए मिलकर ज्ञापन भी सौंपा है। पूरे मामले को लेकर मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि कि जिले में बारह हजार क्विंटल बीज का आवंटन हुआ है। पिछले वर्ष भी इतना ही आवंटन हुआ था। जिला कृषि पदाधिकारी के मुख्यालय से बाहर होने के कारण किसानों को दिक्कत हो रही है। जल्द ही उनके आने के बाद समीक्षा कर विभाग को अतिरिक्त बीज का आवंटन को अनुरोध किया जाएगा।