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‘गोपालगंज का नाम बदलकर हत्यागंज रख देना चाहिए’:जिले में 75 दिनों में 10 हत्याएं, RJD विधायक बोले-पुलिस सिर्फ जांच तक सीमित; पार्टी करेगी आंदोलन

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गोपालगंज में बढ़ते अपराध के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मोर्चा खोल दिया है। बैकुंठपुर के विधायक प्रेम शंकर यादव और जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले 75 दिनों में जिले में 10 हत्याएं हुई हैं, जिससे आम जनता में दहशत का माहौल है। विधायक प्रेम शंकर यादव ने बताया कि 13 सितंबर से अब तक हुई हत्याओं में प्रखर दुबे हत्याकांड, यादवपुर में बिट्टू साह की हत्या, भगवानपुर में अभिषेक ठाकुर की हत्या, बैकुंठपुर में एक चौकीदार की हत्या शामिल हैं। इसके अलावा पैठानपट्टी में ठेकेदार छोटेलाल आलम, कुचायकोट में भावना खातून, उचका गांव में पूर्व मुखिया के पिता अरविंद यादव, मीरगंज में एक पूर्व सैनिक, गोपलामठ और हरबासा गांव में सिकंदर राम की हत्याएं हुई हैं। कोर्ट परिसर में भी फायरिंग की घटना हुई। राजद नेताओं ने चिंता जताई कि एक मामले की जांच पूरी होने से पहले ही दूसरी वारदात हो जाती है और पुलिस सिर्फ जांच तक ही सीमित रह जाती है। इस स्थिति से निपटने के लिए पार्टी ने व्यापक आंदोलन की रणनीति तैयार की है। स्थानीय एक होटल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर इस आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है। गोपालगंज का नाम बदलकर हत्यागंज रख देना चाहिए उन्होंने बताया कि अब इस जिले का नाम गोपालगंज नहीं बल्कि हत्यागंज या गोली गंज रख देना चाहिए। आम जनता के बीच अपराधियों का खौफ है। लोग सुशासन का गीत गा रहे, जबकि सुशासन नहीं अब महाजंगल राज की सरकार है। महाजंगल राज की उपज बिहार में हो गई है। जो दोषी है उसे पुलिस पकड़ पाने में विफल हो रही है, तो कही ना कही अपराधी और प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है।

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