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जनवरी में कड़ाके की ठंड, दलहन की फसल होगी अच्छी:IMD के महानिदेशक बोले- दो बार कोल्ड वेव आएगा, फिलहाल तापमान रहेगा सामान्य

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दिसंबर महीने के 18 दिन बीत गए, लेकिन कड़ाके की ठंड अब तक महसूस नहीं हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, आने वाले दिनों में भी कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी। इस दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य ही रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान 8 से 12 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज की जाएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि ‘अगले 7 दिनों तक के लिए पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसके अनुसार राज्य के सभी जिलों में मौसम शुष्क ही रहेगा। दिसंबर महीने में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना नहीं है। इसकी वजह है कि पश्चिमी विक्षोभ मजबूत नहीं है।’ इस बार कम रहेगी कोल्ड वेव की स्थिति अब जानिए कोल्ड वेव और कोल्ड डे में क्या होता है? अगर किसी स्थान पर लगातार दो दिनों तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज की जाती है तो मौसम विज्ञान केंद्र वहां ‘कोल्ड डे’ घोषित करती है। जबकि, शीतलहर यानी कोल्ड वेव उस हवा को कहते है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज होने के साथ साथ ठंड बढ़ जाती है। जब किसी स्थान पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो जाता है, तब कोल्ड वेव की स्थिति बनती है। अब तक ठंड नहीं पड़ने के कारण को समझिए पहला कारण: पश्चिमी विक्षोभ पर ठंड निर्भर करती है। लेकिन मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अब तक राज्य में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं बनने से कड़ाके की ठंड नहीं पड़ रही है। जब पश्चिमी विक्षोभ आता है तो उसके प्रभाव से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होती है। वहां से ठंडी पछुआ हवा आती है तो अपने साथ ठंड लेकर आती है। इस साल पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहने के कारण बर्फबारी कम हो रही है। पिछले साल 2023 में भी कुछ ऐसी ही स्थिति थी। राज्य में 15 दिसंबर के बाद ही कड़ाके की ठंड पड़ी थी। दूसरा कारण: मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, ला नीना के असर से इस साल देश में अधिक सर्दी पड़ने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसका असर बिहार में अभी बिल्कुल नहीं दिख रहा है। उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवा भी नहीं चल रही है। पछुआ भी नहीं चल रही। इस वजह से ठंड नहीं पड़ रही है। जानिए कैसे चलती है ठंड की साइकिल मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि ठंड की साइकिल होती है। जनवरी और फरवरी ठंड का महीना माना जाता है। इस दो महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है। अगर दिसंबर या जनवरी में बारिश हो गई तो कोहरा छट जाता है और धूप से राहत मिलती है। गया जिले में पड़ेगी सबसे ज्यादा ठंड गया में हर साल ठंड सबसे ज्यादा पड़ती है। इस साल भी सबसे ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना है। साल 2023 में प्रदेश का सबसे ठंडा जिला गया रहा था। 8 जनवरी 2023 को गया में न्यूनतम तापमान 2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, गया में अधिक ठंड पड़ने का कारण भौगोलिक स्थिति है। यह पूरी तरह से पठारी इलाका है। शहर तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा है। पहाड़ियां पक्के चट्टान से बनी हैं। एक ओर फल्गु नदी है। नदी का पाट काफी चौड़ा है। इसके अलावा कई नदियां देहाती क्षेत्र से होकर निकलती हैं। रेत जितनी तेजी से गर्म होती है, उतनी तेजी से ठंडी भी होती है। यही बात सामान्य रूप से चट्‌टानों पर भी पड़ता है। ठंड अच्छी पड़ी तो फसलें भी अच्छी होगी बिहार में अगर ठंड अच्छी पड़ेगी तो दलहन की फसल अच्छी होगी। धान की कटाई के बाद गेहूं और दलहन की फसल बोई जाएगी। गेहूं की फसल के लिए ठंड अच्छी होती है। ठंड अधिक पड़ेगी तो फसल भी अच्छी होगी। दलहन में चना, मसूर, खेसारी आदि की पैदावार भी अच्छी होगी। आज कैसा रहेगा मौसम बिहार में अचानक बदले हवा के रुख से राज्य में मौसम का मिजाज भी बदल गया है। पिछले 24 घंटे से पुरवा हवा चल रही है। इस हवा में नमी रहती है। इससे तापमान बढ़ता है। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार, तीन-चार दिनों तक रात और दिन का तापमान 2-3 डिग्री तक बढ़ेगा। इसके बाद फिर से ठंड बढ़ेगी। पुरवा हवा की वजह से उत्तर बिहार में कोहरा छाया रहेगा।

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