भास्कर न्यूज | रूपौली प्रखंड क्षेत्र में स्वच्छता का अलख जगाने वाला प्रखंड मुख्यालय खुद विभागीय उदासीनता का शिकार बनते जा रहे हैं। अधिकारियों की उदासीनता व मेंटनेंस के अभाव में लोगों की सुविधा के लिए 15वीं वित्त योजना से प्रखंड परिसर में चार लाख की लागत से बना चार कमरे के सामुदायिक शौचालय महज तीन साल में जर्जर होने चला है। आलम यह है कि लोग इसका इस्तेमाल करना तो दूर उस तरफ झांकना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। प्रखंड परिसर में शौचालय के अभाव के कारण से सबसे ज्यादा परेशानी प्रखंड कार्यालय आने वाले लोगों को हो रहा है।लोगों ने बताया कि प्रखंड कार्यालय में बने सामुदायिक शौचालय से महिलाओं को राहत मिली थी।लेकिन अब हालात जस के तस बनी हुई है। सरकारी अधिकारियों के देखभाल के अभाव में शौचालय दम तोड़ने लगा।जब इस बावत में जर्जर बी पी आर ओ प्रीतम कुमार जायसवाल कुमार से पूछा गया तो बोले कि लोग गंदा कर देता है ।ठीक करवा कर अब शौचालय के रख रखाव पर ध्यान दिया जाएगा।वहीं नगर पंचायत रूपौली के मुख्य पार्षद निरंजन मंडल से पूछा गया कि उक्त परिसर भी नगर पंचायत में ही आता है। एजेंसी के कर्मी साफ सफाई क्यों नही करते है तो पल्ला झाड़ते हुए कहा कि शौचालय का निर्माण बीडीओ ने करवाया है। हलांकिएक वर्ष पूर्व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी मनीषा कुमारी ने बताया था कि शौचालय हैंड ओवर की पेंच फंसा हुआ है।जबकि अब पूरी तरह से नगर पंचायत को हैंड ओवर किये जाने की बात प्रखंड के कर्मी के द्वारा बताया जा रहा है । नगर पंचायत के द्वारा साफ सफाई नही किया जाना कही न कही चिन्ता का विषय है। कार्यपालक पदाधिकारी मनीषा कुमारी का मोबाइल बंद मिला।