भास्कर न्यूज| गया जापान में सुनामी से बचाव के लिए समुद्री किनारे वृक्षारोपण करने वाली संस्था जोमोन मिराई का दो दिवसीय शिष्टमंडल बोधगया पहुंचा हैं। शिष्टमंडल में शामिल फुमिको उचियामा और कियोको सुजुकी दोनों पहली बार भारत आयी हैं। इन्होंने कहा कि भारत के शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी भारी बदलाव हो रहा हैं। जैसा सुनी थी, उसके ठीक विपरीत यहां देखा। भारत खासकर बिहार के विभिन्न गांवों में जिस माहौल को हमने देखा उससे महसूस हुआ कि भारत अब काफी आगे बढ़ रहा हैं। भारत में विश्व की अगुआई करने की क्षमता हैं। जापानी समाजसेविका फुमिको उचियामा और कियोको सुजुकी ने बताया कि वे लोग अपने देश में काला प्रोजेक्ट नाम से अभियान चला रहे हैं। इसके तहत समुद्र के किनारे वृक्षारोपण कर जंगल विकसित किया जा रहा हैं, ताकि सुनामी आने पर जान-माल की अधिक सुरक्षा की जा सके। उन्होंने बताया कि बोधगया की अग्रणी संस्था पीपुल फर्स्ट के माध्यम से कई गांवों में वृक्षारोपण किया तथा यहां की ग्रामीण संस्कृति को नजदीक से देखने का मौका मिला। हमलोगों ने महसूस किया कि यहां वृक्षों की कटाई ज्यादा हुई हैं। इन लोगों ने कहा कि यहां के संयुक्त परिवार की परिपाटी बेमिसाल हैं। गांवों में बच्चों में पढ़ने की ललक हैं। जबकि जापान में इस मामले में काफी गिरावट आयी है। यहां अध्यात्मिक शक्ति का हुआ अहसास : उचियाना ^भारत विविधता में एकता की मिसाल है। बोधगया आकर अध्यात्मिक शक्ति का अहसास हुआ। बार-बार इस पवित्र देश में आना पसंद करुंगी। भारत अब काफी आगे बढ़ चुका हैं। दुनिया की महाशक्तियों को यह देश अब बैलेंस करेगा। -फुमिको उचियामा मुझे स्वप्न में भारत आने का निर्देश मिला : सुजुकी ^भारत आकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं सुनी थी कि यहां छुआछुत और जाति धर्म का काफी विभेद है। परंतु यहां का सामाजिक ताना-बाना इसके ठीक विपरीत हैं। गांवों में भी अमन, चैन और सौहार्द है। मुझे जापान में स्वप्न में यह निर्देश मिला था कि भारत जाऊं। इसलिए यहां आकर सबसे पहले बुद्ध दर्शन को पहुंची। -कियोको सुजुकी